अमेरिका के साथ टैरिफ तनाव के बीच भारत ने वैश्विक व्यापार में बड़ी बढ़त हासिल करते हुए न्यूजीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर सहमति जताई है।
India–New Zealand Seal Free Trade Agreement: अमेरिका से टैरिफ तनातनी के बीच भारत के लिए अन्य देशों में टैक्स-फ्री व्यापार के रास्ते खुल रहे हैं। ब्रिटेन और ओमान के बाद सोमवार को भारत और न्यूजीलैंड ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर मुहर लगा दी। इससे 15 साल के लिए भारतीय किसानों, व्यापारियों व पेशेवरों के लिए न्यूजीलैंड का बाजार खुल गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के बीच फोन पर बातचीत हुई। इसके बाद दोनों देशों ने एफटीए की घोषणा की जिस पर औपचारिक हस्ताक्षर किए जाएंगे। दोनों नेताओं ने कहा कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और इनोवेशन के अवसर बढ़ेंगे।
अगले 15 वर्षों में न्यूजीलैंड भारत में 20 बिलियन डॉलर का निवेश भी करेगा। समझौते के अनुसार न्यूजीलैंड भारतीय उत्पादों पर 100 प्रतिशत शुल्क खत्म करेगा। जबकि भारत में न्यूजीलैंड के 95 प्रतिशत उत्पादों पर टैरिफ में छूट मिलेगी। भारतीय पेशेवरों के लिए न्यूजीलैंड जाना भी आसान होगा। न्यूजीलैंड 118 सर्विस सेक्टर में भारत को पहुंच देगा। जबकि भारत 106 सर्विस सेक्टर में न्यूजीलैंड को पहुंच देगा।
अभी तक भारत न्यूजीलैंड को दवा और फार्मूले, पेट्रोलियम उत्पाद, वाहन, रेडीमेड गारमेंट्स, कपास के अन्य उत्पाद बेचता है। उधर, न्यूजीलैंड की गठबंधन सरकार में सहयोगी न्यूजीलैंड फर्स्ट पार्टी कोटे से शामिल विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने भारत से एफटीए का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इसमें न्यूजीलैंड के लिए बहुत कम फायदे के बदले बहुत कुछ दे दिया गया है।
एफटीए दो अधिक देशों के बीच एक ऐसा समझौता है जिसमें देश वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को सुगम बनाने के लिए आयात शुल्क मुक्त या छूट के साथ निवेशकों के संरक्षण,बौद्धिक संपदा और अन्य नियामकीय छूट देता है।
अब तक कई देशों से भारत ने इसी साल ब्रिटेन व ओमान के बाद न्यूजीलैंड से एफटीए समझौते पर मुहर लगाई है। इससे पहले कुछ वर्षों में भारत ने श्रीलंका, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, ईएफटीए देश (स्विट्जरलैंड,नार्वे,आइसलैंड, लिंचेस्टीन) से व्यापार समझौते किए हैं। इसके अलावा 10 आसियान देशों से भी समझौते हैं।
2024- 2.07 बिलियन डॉलर
2023- 1.75 बिलियन डॉलर
2022- 1.50 बिलियन डॉलर
वाणिज्य मंत्री, पीयूष गोयल ने कहा, 'न्यूजीलैंड से एफटीए व्यापार को बढ़ावा देने के साथ हमारे किसानों, उद्यमियों, छात्रों, महिलाओं और नवप्रवर्तकों के लिए नए अवसर खोलेगा। हम सभी सेक्टरों की सुरक्षा के लिए बहुत संवेदनशील रहे हैं, डेयरी व कृषि उत्पादों में किसी भी तरह की पहुंच के लिए भारतीय बाजार नहीं खोला गया है।