
सुप्रीम कोर्ट (ANI)
Forest Land Grab in Uttarakhand: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर वन भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे और अतिक्रमण को लेकर सोमवार को स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह बेहद चौंकाने वाला है कि राज्य सरकार और संबंधित अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं, जबकि उनकी आंखों के सामने जंगल की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसे हालात में अदालत को खुद आगे आकर कार्रवाई करनी पड़ रही है।
कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से वन भूमि पर किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। जब तक अगला आदेश नहीं आता, तब तक किसी भी तरह का निर्माण या लेनदेन नहीं किया जा सकता। निजी व्यक्तियों को जंगल की जमीन पर किसी भी तरह के तीसरे पक्ष को अधिकार सौंपने से भी मना कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन वन क्षेत्रों पर अभी कोई निर्माण नहीं हुआ है, उन सभी खाली जमीनों को तुरंत वन विभाग अपने कब्जे में ले। जहां पहले से रिहायशी मकान बने हुए हैं, उन्हें फिलहाल इससे अलग रखा गया है। कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव और प्रमुख वन संरक्षक सचिव को एक जांच समिति बनाने का निर्देश दिया है। यह समिति मौके पर जाकर स्थिति का आकलन करेगी और यह बताएगी कि अतिक्रमण किस स्तर तक हुआ है।
Updated on:
23 Dec 2025 05:19 am
Published on:
23 Dec 2025 05:18 am
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