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बांग्लादेश में अराजकता जारी, हिंदुओं को किया जा रहा नौकरी से इस्तीफा देने को मजबूर

Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के वतन छोड़ने के बाद पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों विशेषतौर पर हिंदुओं को जमकर निशाना बनाया गया।

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Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के वतन छोड़ने के बाद पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों विशेषतौर पर हिंदुओं को जमकर निशाना बनाया गया। इसमें हिंदुओं को भारी जान-माल का नुकसान हुआ है। हिंदू पूजा स्थलों और व्यवसायों पर हमला किया गया। हालांकि, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार में पिछले हफ्ते हिंदुओं के घरों, पूजा स्थलों पर हमलों में काफी कमी आई है, लेकिन फिर भी छिटपुट हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस बीच, अब हिंदुओं की सरकारी नौकरियों पर हिंसा करने वालों की नजर पड़ गई है और लोगों से जबरन इस्तीफा लिया जा रहा है। इसकी वजह से हिंदू समुदाय चिंतित है। जानी-मानी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी इस बारे में ट्वीट किया है कि बांग्लादेश में हिंदू शिक्षक, डॉक्टर्स, पुलिस अधिकारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। नसरीन ने कहा, कथित छात्रों के नेतृत्व में बांग्लादेश अब अफगानिस्तान से भी बदतर देश बनने जा रहा है। गौरतलब है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और उनकी आबादी 8 फीसदी है।

हर रोज आ रही इस्तीफे की खबरें

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के महासचिव राणा दासगुप्ता कहते हैं कि हमारी चिंताएं अभी खत्म नहीं हुई हैं। अल्पसंख्यकों के सदस्यों को सरकारी कार्यालयों और कॉलेजों तथा स्थानीय सरकारी संस्थाओं के सदस्यों से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जबरन इस्तीफा लेने की प्रक्रिया शनिवार को शुरू हुई और कुछ स्थानों पर स्कूलों, विश्वविद्यालयों और नगर निगमों में अब भी जारी है।

हसीना के खिलाफ रोज दर्ज हो रहे केस

उधर यूनुस के नेतृत्व में गठित सरकार शेख हसीना के खिलाफ एक्शन लेने के लिए छटपटा रही है। हर रोज उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए जा रहे हैं। रविवार को भी हसीना और 33 अन्य के खिलाफ 2013 में आयोजित एक रैली पर अंधाधुंध गोलीबारी के आरोप में मामला दर्ज किया गया।

Published on:
19 Aug 2024 09:23 am
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