बलूच लिबरेशन आर्मी ने कुछ ऐसा किया है जिससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं।
बलूचिस्तान (Balochistan), पाकिस्तान (Pakistan) के लिए गले की फांस बन चुका है। इसकी वजह है बलूचिस्तान में लगातार बढ़ती अस्थिरता और आज़ादी की मांग। ज़्यादातर बलूच लोग खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते और बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आज़ाद कराकर स्वतंत्र देश बनाने की मांग कर रहे हैं। ये बलूच पाकिस्तानी सरकार और सेना से नफरत करते है। समय-समय पर बलूच विद्रोही पाकिस्तानी सेना और पुलिस को निशाना बनाते हैं। कुछ दिन पहले बलूच नेता मीर यार बलूच (Mir Yar Baloch) ने बलूचिस्तान की आज़ादी का ऐलान करते हुए कहा था कि बलूचिस्तान, पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। मीर समेत सभी बलूच नेता दुनियाभर से बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने की मांग कर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान की मुश्किलें काफी बढ़ी हुई हैं। अब बलूच विद्रोहियों ने कुछ ऐसा किया है जिससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है।
बलूच नेता और विद्रोही भले ही खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते, लेकिन आधिकारिक रूप से बलूचिस्तान अभी भी पाकिस्तान का हिस्सा है। बलूचिस्तान में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सरफराज बुगती (Sarfraz Bugti) मुख्यमंत्री हैं। आधिकारिक सरकार होने के बावजूद बलूच लिबरेशन आर्मी - बीएलए (Baloch Liberation Army- BLA) ने प्रांत में कुछ ऐसा किया है जिसकी उम्मीद शायद ही सरकार और सेना ने की होगी। बीएलए के लड़ाकों ने बलूचिस्तान के सुराब शहर पर कब्ज़ा कर लिया है।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने दावा किया है कि उन्होंने सेना और पुलिस को सुराब शहर से बाहर खदेड़ दिया है। काफी देर चली मुठभेड़ के बाद बीएलए के लड़ाकों को सेना और पुलिस के खिलाफ कामयाबी मिली।
जानकारी के अनुसार स्थानीय लोग भी बलूच विद्रोहियों यानी कि बीएलए के लड़ाकों के साथ हैं। बीएलए के लड़कों ने क्वेटा-कराची और सुराब-गिदर हाइवे पर तलाशी शुरू कर दी है और जिले के भीतर और आसपास के रास्तों पर सख्त नाकाबंदी कर दी है। यह सब आने-जाने वाले हर व्यक्ति पर नज़र के लिए किया जा रहा है।
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