विज्ञान की मदद से सामान्य सी दिखने वाली लकड़ी को भी बिल्कुल बदला जा सकता है। ऐसा ही कुछ अमेरिका में हुआ है। क्या है पूरा मामला? आइए नज़र डालते हैं।
बेकार समझे जाने वाले लकड़ी के टुकड़ों को अगर विज्ञान छू ले, तो चमत्कार हो सकता है। ऐसा ही कुछ अब अमेरिका में हुआ है। अमेरिका के मैरीलैंड स्थित स्टार्टअप इन्वेंटवुड ने सामान्य लकड़ी को 'सुपरवुड' में बदल दिया है। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि 'सुपरवुड' क्या है? यह एक ऐसा पदार्थ है जो स्टील से भी मज़बूत, बुलेटप्रूफ, फायर रेसिस्टेंट और बेहद हल्का है। इन्वेंटवुड की पहली फैक्ट्री जल्द ही सुपरवुड का औद्योगिक उत्पादन शुरू करने जा रही है।
खास बात यह है कि यह सुपरवुड उन पेड़ प्रजातियों से तैयार होगी जिन्हें अब तक निर्माण के लिए अनुपयुक्त माना जाता था, जैसे पॉपलर। अब वही लकड़ी अगली पीढ़ी की इमारतों और तकनीकी उत्पादों की रीढ़ बन सकती है।
इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पर्यावरण के अनुकूल है। सुपरवुड को बनाने में स्टील या कंक्रीट की तुलना में बहुत कम ऊर्जा लगती है और यह कार्बन उत्सर्जन भी घटाती है। यह वेस्ट वुड या कम गुणवत्ता वाली लकड़ी से भी बन सकती है, जिससे वनों का दोहन भी कम होगा।
इस तकनीक के पीछे वैज्ञानिक लियांगबिंग की भूमिका है, जिन्होंने 2018 में सुपरवुड विकसित की थी। लकड़ी को पहले विशेष रसायनों से ट्रीट किया जाता है, फिर उसे इतना दबाया जाता है कि उसका आकार लगभग चौथाई रह जाता है। इस प्रक्रिया में लकड़ी के सेल्युलोज़ फाइबर इतने सघन हो जाते हैं कि वो स्टील जैसी कठोरता पा लेती है पर वह वज़न में हल्की रहती है। यह प्रक्रिया इसे स्टील से 50% ज़्यादा मजबूत और 6गुना हल्का बनाती है।
सुपरवुड का इस्तेमाल बुलेटप्रूफ दरवाजों, अग्निरोधक दीवारों, साइडिंग, डेकिंग, खिड़कियों के फ्रेम और फेंसिंग में किया जा सकता है। फ्लाइंग कारों से लेकर कार्बन फाइबर की जगह लेने वाले उपकरणों में भी सुपरवुड का इस्तेमाल किया जा सकता है। आने वाले समय में घरों के साथ ही स्मार्टफोन्स और लैपटॉप्स में भी इसके इस्तेमाल किया जा सकता है।