साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना ने इंसानों जैसी बातचीत और भावनात्मक जुड़ाव दिखाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम्स को नियंत्रित करने के लिए मसौदा नियम जारी किए हैं।
China AI draft rules: इंसान की तरह बात करने, सोचने और भावनात्मक रिश्ता बनाने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकों पर चीन अब लगाम कसने की तैयारी में है। साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना (सीएसी) ने ऐसे एआई सिस्टम्स के लिए ड्राफ्ट नियम जारी किए हैं, जिनका मकसद सामाजिक संतुलन और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
नए नियमों के तहत किसी भी नए एआई फीचर को लॉन्च करने से पहले सुरक्षा आकलन रिपोर्ट अनिवार्य होगी। वहीं, जैसे ही किसी सेवा के 10 लाख रजिस्टर्ड या एक लाख मासिक सक्रिय यूजर पूरे होंगे, वह अतिरिक्त निगरानी और रिपोर्टिंग के दायरे में आ जाएगी।
ड्राफ्ट नियमों के अनुसार कंपनियों को स्पष्ट रूप से बताना होगा कि यूजर किसी इंसान से नहीं, बल्कि एआई से बातचीत कर रहा है। लॉग-इन के समय, हर दो घंटे में और तब भी चेतावनी देनी होगी, जब सिस्टम को लगे कि यूजर उस पर जरूरत से ज्यादा निर्भर हो रहा है। मकसद साफ है, डिजिटल रिश्ते असली दुनिया की जगह न ले लें।
नियमों का सबसे संवेदनशील पहलू मानसिक और भावनात्मक जोखिमों से जुड़ा है। कंपनियों को यूज़र के व्यवहार, भावनात्मक प्रतिक्रिया और संभावित लत पर नजर रखनी होगी। अगर अत्यधिक निर्भरता के संकेत मिलते हैं, तो एआई को संवाद सीमित करना, चेतावनी देना या खुद पीछे हटना होगा।
चीन ने दो टूक कहा है कि ह्यूमन—लाइक एआई ‘कोर सोशलिस्ट वैल्यूज’ के दायरे में ही काम करेगी। राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने, अफवाह, हिंसा या अश्लीलता फैलाने वाला कंटेंट अस्वीकार्य होगा। इसके लिए एथिकल रिव्यू, एल्गोरिदम जांच और डेटा सुरक्षा को अनिवार्य किया गया है।
यूरोपीय संघ का एआई एक्ट पारदर्शिता और जोखिम नियंत्रण पर आधारित है। अमरीका में कोई राष्ट्रीय कानून नहीं, लेकिन कुछ राज्यों में सीमित नियम हैं। ब्रिटेन समेत कई देश गाइडलाइंस तक सीमित हैं। फर्क यही है कि चीन नियंत्रण और वैचारिक सीमाओं पर जोर देता है, जबकि पश्चिम यूजर अधिकारों और जोखिम प्रबंधन को प्राथमिकता देता है।