Intelligence Agencies: आम तौर पर फिल्मों में तेज़तर्रार गुप्तचर एजेंसियां दिखाई जाती हैं, लेकिन हकीकत में कौनसी जासूसी संस्था समय पर अपनी भूमिका निभाती है और कितनी तेज़तर्रार या खतरनाक है, यह वक्त पड़ने पर ही पता चलता है।
Intelligence Agencies: गुप्तचर एजेंसियां लोमड़ी की तरह चंट चालाक, चीते और घोड़े जैसी फुर्ती और तूफानी गति से बहादुरी काम करने वाली होती हैं। इजराइल की मोसाद, भारत की रॉ और अमेरिका की सीएनएन ऐसी ही तेजतर्रार एजेंसियां हैं (Top Spy Agencies In world)। अब सवाल यह पैदा होता है कि ये कितनी तेज हैं और समय पर ये अपना काम कैसे करती हैं और इनके प्लानिंग करने का तरीका और लेवल कैसा व कितना है और इनमें से कौनसी एजेंसी ज्यादा ख़तरनाक है ()Intelligence Agencies? आइए जानते हैं।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार भारत की गुप्तचर एजेंसी ( Raw) बहुत अच्छी संस्था है। यहां भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (Raw) के बारे में जानकारी दी जा रही है। रॉ का प्राथमिक उद्देश्य विदेशी खुफिया जानकारी इकट्ठा करना, आतंकवाद का मुकाबला करना और भारत के नीति निर्माताओं को सलाह देना है। रॉ का मुख्यालय नई दिल्ली में है। सितंबर सन 1968 में रामेश्वरनाथ काव ने रॉ की स्थापना की थी। रॉ एजेंट सामान्य जीवनशैली जीने के लिए गुप्त रूप से और कभी-कभी भेष बदलकर काम करते हैं। रॉ एजेंट बनने के लिए, किसी को भी एसएससी की सीजीपीई (संयुक्त स्नातक प्रारंभिक परीक्षा), 'ग्रुप ए' सिविल सेवा परीक्षा और रॉ परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। हालांकि रॉ पर अपने पड़ोसियों, खासकर पाकिस्तान के मामलों में दखल देने का आरोप लगता रहा है, लेकिन रॉ इन आरोपों से इनकार करता है। रॉ का प्रमुख संसदीय निरीक्षण के बिना भारत के प्रधानमंत्री के अधिकार में है। रॉ के प्रमुख को कैबिनेट सचिवालय में सचिव (अनुसंधान) के रूप में नामित किया गया है। वे दैनिक आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को रिपोर्ट करते हैं।
मोसाद इज़राइल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक इज़राइल की गुप्तचर संस्था मोसाद अमन (सैन्य खुफिया) और शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा) करती है। मोसाद खुफिया जानकारी एकत्र करने, गुप्त अभियान और आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार है। इसके निदेशक सीधे और सिर्फ प्रधानमंत्री को जवाब देते हैं। इंटेलीजेंस और स्पेशल ऑपरेशंस संस्थान, जिसे मोसाद के नाम से जाना जाता है। यह अमन (सैन्य खुफिया) और शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा) के साथ, इज़राइली खुफिया समुदाय में मुख्य संस्थाओं में से एक है। मोसाद खुफिया जानकारी एकत्र करने, गुप्त अभियान और आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार है। इसके निदेशक सीधे और सिर्फ प्रधानमंत्री को जवाब देते हैं। इसका वार्षिक बजट लगभग ₪10 बिलियन (US$2.73 बिलियन) होने का अनुमान है और अनुमान है कि इसमें लगभग 7,000 लोग कार्यरत हैं, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी जासूसी एजेंसियों में से एक है। मोसाद गुप्तचर एजेंसी इज़राइल की ओर से दुनिया के कई देशों के खिलाफ आपरेशंस के लिए एक साथ एक ही समय काम कर रही है।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार सीआइए या सेन्ट्रल इन्टेलीजेंस एजेंसी संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय सरकार के अंदर कार्य करने वाली असैनिक गुप्तचर संस्था है। इसका मुख्य कार्य सार्वजनिक नीति निर्माताओं के मार्गदर्शन के लिए विश्व की सरकारों, औद्योगिक संगठनों व व्यक्तियों के बारे में गुप्त सूचनाएं एकत्रित करना और उनका विश्लेषण करना है। सीआईए की विरासत स्वतंत्रता के लिए समर्पित बहादुर व्यक्तियों में से एक है, जो हमारे खुफिया मिशन को सरलता और धैर्य के साथ पूरा करते हैं। अपने देश की रक्षा करना इसके मिशन के केंद्र में है। अतीत, वर्तमान और भविष्य। द्वितीय विश्व युद्ध की जड़ों से लेकर आज तक, हम सरलता, बहादुरी और शांत बलिदान की परंपराओं को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसने हमें दुनिया की प्रमुख विदेशी खुफिया एजेंसी बना दिया है।
बहरहाल रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो तीनों एजेंसियां अपने-अपने देशों के लिए महत्वपूर्ण कार्य करती हैं, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली और क्षेत्रीय प्रभाव अलग हैं। जहां मोसाद अपनी तेजी और प्रभावी कार्रवाई के लिए प्रसिद्ध है, वहीं रॉ अपने क्षेत्र में गुप्त कार्रवाई करने के लिए जानी जाती हैं। जबकि सीआईए वैश्विक दृष्टि रखती है, लेकिन कभी-कभी अपने लक्ष्य प्राप्त करने में धीमी होती है। इस प्रकार, तीनों एजेंसियों की विशेषताएं और कार्यशैली अलग हैं, लेकिन किसी एक को "तेज़तर्रार" कहना कठिन है, क्योंकि यह उनके लक्ष्यों और कार्यों पर निर्भर करता है।
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