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ट्रंप और जिनपिंग की हुई 6 साल बाद मुलाकात, ट्रेड-टैरिफ-ताइवान समेत कई अहम मुद्दों पर हुई बातचीत

Trump-Jinping Meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चाइनीज़ राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच साउथ कोरिया में 6 साल बाद मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों के बीच क्या बातचीत हुई? आइए जानते हैं।

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Oct 30, 2025
Donald Trump meets Xi Jinping (Photo - Washington Post)

अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपने एशियाई दौरे के आखिरी चरण के दौरान इस समय साउथ कोरिया (South Korea) में हैं। साउथ कोरियाई शहर बुसान में आज, गुरुवार, 30 अक्टूबर को उनकी मुलाकात चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से हुई। दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति अभी भी बनी हुई और ऐसे में दोनों की यह मुलाकात काफी अहम है।

6 साल बाद हुई मुलाकात

ट्रंप और जिनपिंग के बीच यह मुलाकात 6 साल में पहली मुलाकात है। इससे पहले दोनों की मुलाकात 29 जून 2019 को जापान (Japan) के ओसाका (Osaka) में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। आज दोनों ने हाथ मिलाकर एक-दूसरे से मुलाकात की।

कई अहम मुद्दों पर हुई बातचीत

ट्रंप और जिनपिंग की मुलाकात के दौरान कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। दोनों ने ही अमेरिका और चीन के बीच संबंधों में सुधार पर सहमति जताई।

दोनों ने टैरिफ पर भी बातचीत की और ट्रंप ने संकेत दिया कि अमेरिका, चीन पर एक्स्ट्रा 100% टैरिफ नहीं लगाएगा। बदले में चीन ने भी अमेरिकी कृषि उत्पादों (सोयाबीन, मक्का) की खरीद को फिर से शुरू करने का वादा किया।

दोनों ने एक-दूसरे पर टैरिफ को कम करने की भी ज़रूरत बताई, लेकिन इस बारे में कोई सहमति नहीं बनी। हालांकि दोनों ने ही अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड बढ़ाने की बात कही।

ट्रंप ने चीन से रेयर अर्थ मिनरल्स के एक्सपोर्ट पर लगाए प्रतिबंधों को हटाने की अपील की, लेकिन जिनपिंग ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया। हालांकि चीन के राष्ट्रपति ने इसके लिए सीमित कोटा बढ़ाने पर सहमति जताई।

ट्रंप ने चीन की कई टेक कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं जिसे जिनपिंग ने गलत बताया और एआई चिप एक्सपोर्ट प्रतिबंध हटाने की मांग की। ट्रंप ने AI चिप की बिक्री पर कुछ छूट देने का संकेत दिया, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता बताया

◙ दोनों के बीच ताइवान मुद्दे पर भी बातचीत हुई। ट्रंप ने जिनपिंग को बताया कि अमेरिका, ताइवान को बेचे जाने वाले हथियारों की सप्लाई बढ़ाएगा। जिनपिंग ने इसे चीन की संप्रभुता पर हमला बताया और 'एक चीन नीति' का पालन करने को कहा। दोनों के बीच इस मामले पर कोई समझौता नहीं हुआ, लेकिन शांति बनाए रखने पर सहमति बनी।

ट्रंप और जिनपिंग के बीच अमेरिका में फेंटानाइल के खतरे पर भी बातचीत हुई। ट्रंप ने कहा कि हर साल चीन से अमेरिका में अवैध तरीके से फेंटानाइल की तस्करी होती है, जिसके सेवन से कई लोगों की मौत हो जाती है। ट्रंप ने फेंटानाइल की तस्करी पर लगाम कसने को ज़रूरी बताया।

◙ दोनों ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बातचीत की। यह बात जगजाहिर है कि ट्रंप इस युद्ध को रोकने की काफी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही है। ट्रंप ने जिनपिंग से रूस को हथियारों की सप्लाई रोकने के लिए कहा। हालांकि जिनपिंग ने ऐसा करने का वादा नहीं किया, लेकिन तटस्थता का दावा करते हुए शांति वार्ता में मध्यस्थता की पेशकश की।

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