Donald Trump's New Order: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया फरमान जारी कर दिया है। ट्रंप का यह फरमान परमाणु हथियारों से जुड़ा हुआ है।
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) जब से दूसरी बार अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति बने हैं, काफी एक्टिव हैं। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान अब तक ट्रंप ने कई बड़े फैसले लिए हैं। आए दिन ही अमेरिकी राष्ट्रपति कोई न कोई नया फरमान सुनाते रहते हैं। आज, गुरुवार, 30 अक्टूबर को चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping से साउथ कोरिया (South Korea) के बुसान (Busan) में मुलाकात से पहले ट्रंप ने एक और बड़ा फरमान सुनाया है। ट्रंप के इस फरमान से दुनियाभर में चिंता बढ़ सकती है।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर फरमान जारी करते हुए जानकारी दी कि अमेरिका परमाणु हथियारों की टेस्टिंग शुरू करेगा। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, "अमेरिका के पास किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज़्यादा परमाणु हथियार हैं। यह सब मेरे पहले कार्यकाल के दौरान ही संभव हो पाया, जिसमें मौजूदा हथियारों को पूरी तरह से अपडेट और रेनोवेट भी किया गया। इन हथियारों की भीषण विनाशकारी शक्ति के कारण मैं ऐसा करना नहीं चाहता था, लेकिन मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था। रूस दूसरे स्थान पर है और चीन काफी दूर तीसरे स्थान पर है, लेकिन अगले 5 सालों में हम बराबरी पर आ जाएंगे। अन्य देशों की टेस्टिंग प्रोग्राम्स के कारण मैंने युद्ध विभाग को निर्देश दिया है कि वो हमारे परमाणु हथियारों की एक जैसे आधार पर टेस्टिंग शुरू करें। यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी।"
ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज़्यादा परमाणु हथियार हैं, पर ऐसा नहीं है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के डेटा के अनुसार रूस के पास सबसे ज़्यादा परमाणु हथियार हैं।
गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने सोमवार को एक कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अमेरिका के साथ प्लूटोनियम डिस्पोज़ल एग्रीमेंट (Plutonium Disposal Agreement) को औपचारिक रूप से खत्म कर दिया गया है। यह समझौता साल 2000 में रूस और अमेरिका के बीच हुआ था। इसके तहत दोनों देशों ने शीत युद्ध के दौरान बचे 34 टन हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम को नष्ट करने या परमाणु ईंधन में बदलने का वादा किया था, ताकि नए परमाणु हथियार न बन सकें। 2016 में रूस ने इसे निलंबित कर दिया था और अब पुतिन ने इसे पूरी तरह खत्म कर दिया है। यह परमाणु निरस्त्रीकरण का महत्वपूर्ण कदम था। ऐसे में कई एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि ट्रंप ने परमाणु हथियारों की टेस्टिंग शुरू करने का फैसला, रूस के प्लूटोनियम डिस्पोज़ल एग्रीमेंट को खत्म करने के फैसले की वजह से लिया है।
ट्रंप के इस फैसले से दुनियाभर में तनाव बढ़ना तय है। अमेरिका के ऐसा करने से रूस और चीन, दो ऐसे देश जो पहले से ही अमेरिका के साथ तनावपूर्ण स्थिति में हैं, भी अपने परमाणु हथियारों को बढ़ाने का काम शुरू कर सकते हैं।
| क्रमांक | देश | परमाणु हथियारों की संख्या |
| 1. | रूस | 5,459 |
| 2. | अमेरिका | 5,177 |
| 3. | चीन | 600 |
| 4. | फ्रांस | 290 |
| 5. | यूके | 225 |
| 6. | भारत | 180 |
| 7. | पाकिस्तान | 170 |
| 8. | इज़रायल | 90 |
| 9. | नॉर्थ कोरिया | 50 |