Donald Trump Pakistan Visit Rumor: डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तान यात्रा की खबर झूठी साबित हुई है। ट्रंप 17-19 सितंबर तक ब्रिटेन की राजकीय यात्रा पर रहेंगे।
Donald Trump Pakistan Visit Rumor: हाल ही में मीडिया में यह दावा किया गया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Trump Pakistan Visit) सितंबर में पाकिस्तान जा सकते हैं, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि यह सिर्फ एक अफवाह थी। ट्रंप उस समय ब्रिटेन की राजकीय यात्रा (Trump UK Trip 2025) पर रहेंगे और उनकी पाकिस्तान जाने की कोई आधिकारिक योजना नहीं है। पाकिस्तान ने ट्रंप को लुभाने की कोशिश की, लेकिन व्हाइट हाउस ने पुष्टि नहीं की । पाकिस्तान के प्रभावशाली व्यापारी और राजनेता ट्रंप को इस्लामाबाद आने के लिए मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने सेना प्रमुख आसिम मुनीर के लिए ट्रंप के साथ बैठक का आयोजन भी कराया था। साथ ही, मुनीर ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए समर्थन देकर उन्हें प्रभावित करने की कोशिश भी की।
ट्रंप के भारत में होने वाले क्वाड सम्मेलन में शामिल होने की भी कोई पक्की तारीख नहीं है, क्योंकि नई दिल्ली ने अभी इसका शेड्यूल जारी नहीं किया है। यह सम्मेलन जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे साझेदार देशों के नेताओं की उपलब्धता पर भी निर्भर है। वहीं, पाकिस्तान में मीडिया ने पहले यह खबर फैला दी कि ट्रंप 18 सितंबर को वहां जाएंगे, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।
गौरतलब है कि ट्रंप रणनीतिक साझेदारियों के बजाय व्यापारिक सौदों को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने हाल ही में जापान पर टैरिफ लगाया और ऑस्ट्रेलिया से भी संबंधों में खटास ला दी। भारत के साथ भी उनके व्यापार विशेषज्ञों की सख्त बातचीत कोई खास सफलता नहीं दिखा सकी।
कई राजनयिकों का मानना है कि भारत को अब ट्रंप के अमेरिका के साथ अपने संबंधों की रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए। ट्रंप के रवैये में स्थिरता की कमी और पाकिस्तान को दिए जा रहे संकेतों से भारत को झटका लगा है।
अगर ट्रंप पाकिस्तान जाते हैं, तो यह 2006 के बाद पहली बार होगा जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति वहां का दौरा करेगा। आखिरी बार जॉर्ज डब्ल्यू बुश कुछ घंटों के लिए इस्लामाबाद रुके थे। ओबामा और बाइडेन दोनों ने पाकिस्तान से दूरी बनाए रखी थी।
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी और उसे आतंकवादियों को पनाह देने वाला देश बताया था, लेकिन अब पाकिस्तान उन्हें व्यापार और निवेश के नए अवसर देकर आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है।
ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में सुरक्षा कारणों से अंधेरे में सैन्य बेस पर उतरे थे, जो उन्हें पसंद नहीं आया। अब अगर उन्हें पाकिस्तान दौरे का मौका मिलता है, तो वे पूरा मीडिया कवरेज और भव्य स्वागत चाहते हैं। पाकिस्तान भी इसी उम्मीद में है कि वह उन्हें शोहरत और सम्मान देकर मना ले।
नई दिल्ली ने इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अगर ट्रंप पाकिस्तान जाते हैं, तो यह भारत के लिए "साफ संकेत" होगा कि वाशिंगटन की प्राथमिकताएं बदल रही हैं। भारत सरकार ट्रंप की नीतियों को "व्यापार-केंद्रित और अवसरवादी" मान रही है। एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,अगर पाकिस्तान जैसे देश को ट्रंप अपने एजेंडे में शामिल करते हैं, तो यह सिर्फ रणनीति नहीं, बल्कि चुनावी गोटीबाज़ी भी हो सकती है।
ट्रंप की व्यापारिक प्राथमिकताओं और अप्रत्याशित कूटनीति ने क्वाड (QUAD) जैसे रणनीतिक मंच को भी असमंजस में डाल दिया है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका फिर से "इंडो-पैसिफिक रणनीति" से हट जाएगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि क्वाड का ढांचा अब "चुनौतीपूर्ण मोड़" पर खड़ा है, खासकर तब, जब अमेरिका की नीति ट्रंप के अधीन फिर से व्यापार केंद्रित हो जाए।