Israel-Hamas War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाज़ा में युद्धविराम का प्रस्ताव पेश किया है, जिसे इज़रायल ने भी स्वीकार कर लिया है। अब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस युद्धविराम प्रस्ताव का समर्थन किया है।
इज़रायल (Israel) और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) के बीच गाज़ा (Gaza) में चल रहे युद्ध को 2 साल पूरे होने वाले हैं। इस युद्ध की वजह से गाज़ा में तबाही मच चुकी है। हर दिन कई फिलिस्तीनी मारे जा रहे हैं। इस युद्ध से अब हमास भी परेशान होकर युद्धविराम की मांग कर रहा है। इसी बीच अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने गाज़ा में युद्धविराम का प्रस्ताव पेश किया है।
ट्रंप ने गाज़ा में युद्धविराम के प्रस्ताव के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं, जिन पर इज़रायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने भी सहमति जता दी हैं। क्या है ट्रंप की मुख्य शर्तें? आइए नज़र डालते हैं।
इज़रायल और हमास की सहमति पर तत्काल युद्धविराम हो जाएगा। इज़रायल अपनी सभी सैन्य कार्रवाई बंद कर देगा।
हमास को 72 घंटों के भीतर सभी बंधकों (लगभग 48 जीवित और मृतकों के शव) को रिहा करना होगा। बदले में इज़रायल भी सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को आज़ाद कर देगा।
युद्धविराम होने पर इज़रायली सेना की गाज़ा से धीरे-धीरे वापसी होगी। यह स्थायी युद्धविराम की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
युद्धविराम होने पर मानवीय सहायता की सप्लाई के लिए राफाह क्रॉसिंग खोल दी जाएगी और गाज़ा में बड़ी मात्रा में मानवीय सहायता पहुंचाई जाएगी, जिसमें भोजन, दवा और पुनर्निर्माण सामग्री शामिल हैं।
युद्धविराम के तहत हमास को अपने सभी हथियारों को सरेंडर करना होगा। शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध सदस्यों को माफ़ी दी जाएगी, जबकि गाज़ा छोड़ने की इच्छा रखने वालों को सुरक्षित निकलने का मौका दिया जाएगा।
हमास को गाज़ा की भविष्य की सरकार या शासन में कोई भूमिका नहीं मिलेगी। गाज़ा को आतंक-मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए ऐसा किया जाएगा।
ट्रंप की अध्यक्षता वाला शांति बोर्ड, गाज़ा में अंतरिम शासन और पुनर्निर्माण का प्रबंधन करेगा। इसमें पूर्व ब्रिटिश पीएम टोनी ब्लेयर जैसे सदस्य शामिल होंगे।
फिलिस्तीनी अथॉरिटी को सुधार कार्यक्रम पूरा करने के बाद गाज़ा का नियंत्रण सौंपा जाएगा। इसके बाद से क्षेत्र में उनकी सरकार होगी।
'ट्रंप डेवलपमेंट प्लान' के तहत गाज़ा का पुनर्निर्माण होगा, जिसमें मिडिल ईस्ट के एक्सपर्ट्स की एक समिति नौकरियाँ, अवसर और उम्मीद पैदा करने के लिए क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट आकर्षित करेगी।
60 दिनों की अवधि में अच्छे विश्वास से स्थायी शांति वार्ता होगी, जिसकी गारंटी ट्रंप देंगे। अगर हमास इसे अस्वीकार करता है, तो इज़रायल को हमास का खात्मा समाप्त करने के लिए ट्रंप की तरफ से पूरा समर्थन दिया जाएगा।
गाज़ा में युद्धविराम के ट्रंप के प्रस्ताव का भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी समर्थन किया है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गाज़ा युद्ध को खत्म करने के लिए एक व्यापक प्लान की घोषणा का स्वागत करते हैं। यह फिलिस्तीनी और इज़रायली लोगों के साथ-साथ व्यापक वेस्ट एशियाई क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक और स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास का एक व्यवहार्य मार्ग प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की पहल को लेकर एकजुट होंगे और युद्ध को खत्म करने और शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे।"