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इन 36 देशों के नागरिकों पर लागू हो सकता है अमेरिकी यात्रा प्रतिबंध, जानिए क्या है वजह

US Travel Ban: ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 36 देशों के नागरिकों पर संभावित अमेरिकी यात्रा प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है।

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Jun 16, 2025
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो कैबिनेट (सांके​तिक फोटो: द वाशिंगटन पोस्ट)

US Travel Ban: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन (Trump administration) ने 36 अतिरिक्त देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध (travel ban) लगाने की योजना बनाई है। यह निर्णय राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में घोषित किए गए कड़े आव्रजन नियमों (US immigration policy) का हिस्सा है, जिसके तहत पहले से ही कुछ देशों के नागरिकों को अमेरिकी वीजा और प्रवेश पर प्रतिबंध (restricted countries) लागू हो चुके हैं। यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं और कुछ देशों के अपर्याप्त सहयोग को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। प्रशासन का कहना है कि इन देशों के पासपोर्ट सुरक्षा, वीजा निरीक्षण और नागरिकों की वापसी में पर्याप्त सहयोग नहीं है। इस कदम से अमेरिका को राष्ट्रीय सुरक्षा (national security) मानकों को मजबूत करने में मदद मिल सकती है, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रंप प्रशासन की कड़ी आव्रजन नीति को एक नया आयाम मिल रहा है।

जिनके नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध की सिफारिश की जा सकती है

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने इन 36 देशों की पहचान की है, जिनके नागरिकों के प्रवेश पर पूर्ण या आंशिक प्रतिबंध की सिफारिश की जा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन देशों को 60 दिनों का समय दिया जाएगा, ताकि वे अमेरिकी सुरक्षा मानकों को पूरा करें, अन्यथा उन्हें प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

जिनके पास वीजा , उन नागरिकों कों पर भी प्रतिबंध

ये प्रतिबंध केवल यात्रा के लिए नहीं होंगे, बल्कि उन देशों के नागरिकों के लिए भी होंगे जिनके पास वीजा है, लेकिन जो अमेरिकी भूमि पर अपने स्थायीत्व को लेकर सुरक्षा चिंताओं का कारण बने हैं।

यहां पहले से लागू हैं प्रतिबंध

इससे पहले, ट्रंप प्रशासन ने 12 देशों – अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिकों पर पहले ही यात्रा प्रतिबंध लागू कर दिया था। इसके अतिरिक्त, कुछ अन्य देशों जैसे बुरुंडी, क्यूबा, और वेनेजुएला के नागरिकों पर आंशिक प्रतिबंध लागू किए गए थे।

किसी देश को क्यों लग सकता है प्रतिबंध ?

यह यात्रा प्रतिबंध उन देशों पर लगाया जा सकता है, जो पहचान दस्तावेज़ों की वैधता सुनिश्चित करने में असमर्थ हैं, अपने नागरिकों को वापस लेने में सहयोग नहीं करते, या जो आतंकवाद और अमेरिका विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं। हालांकि, यह हर देश के लिए समान नहीं होगा और हर देश पर अलग-अलग मानदंड लागू होंगे।

इस सूची में कौन कौन से देश शामिल हैं ?

अंगोला, एंटीगुआ और बारबुडा, बेनिन, भूटान, बुर्किना फासो, काबो वर्डे, कंबोडिया, कैमरून, कोटे डी आइवर, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, जिबूती, डोमिनिका, इथियोपिया, मिस्र, गैबॉन, गाम्बिया, घाना, किर्गिस्तान, लाइबेरिया, मलावी, मॉरिटानिया, नाइजर, नाइजीरिया, सेंट किट्स और नेविस, सेंट लूसिया, साओ टोम और प्रिंसिपे, सेनेगल, दक्षिण सूडान, सीरिया, तंजानिया, टोंगा, तुवालु, युगांडा, वानुअतु, जाम्बिया और जिम्बाब्वे। यदि ये देश 60 दिनों के भीतर अमेरिकी चिंताओं का समाधान करने में विफल रहते हैं तो उन्हें प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

इन 12 देशों पर पहले से ही प्रतिबंध लागू

फिलहाल, इस महीने की शुरुआत में हस्ताक्षरित नए आदेश के तहत 12 देशों अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिकों पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। वहीं बुरुंडी, क्यूबा, ​​लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला के लोगों के लिए भी आंशिक प्रतिबंध लागू हैं।

यह कदम एक बड़ी आव्रजन नीति का हिस्सा

बहरहाल यह विस्तारित यात्रा प्रतिबंध ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे राष्ट्रपति ने पहले ही घोषित किया था। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य अमेरिकी सुरक्षा को पहले स्थान पर रखना और उन देशों के साथ कड़ी निगरानी रखना है जो अमेरिकी वीजा प्रक्रियाओं और सुरक्षा मानकों के प्रति सहयोगी नहीं हैं।

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