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फेडरिक मर्ज़ बनेगे जर्मनी के अगले चांसलर, भारत से मज़बूत संबंधों के समर्थक

Next German Chancellor: जर्मनी में दो दिन पहले हुए आम चुनाव में क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ऑफ जर्मनी बाजी मारते हुए सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ऐसे में अब पार्टी के लीडर फेडरिक मर्ज़ का जर्मनी का चांसलर बनना तय है।

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Feb 25, 2025
Friedrich Merz

जर्मनी (Germany) में दो दिन पहले ही आम चुनाव हुए हैं। यूरोपीय देशों के साथ ही अन्य देशों की भी जर्मनी के चुनावी नतीजों पर नज़र थी। इस चुनाव में क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ऑफ जर्मनी (Christian Democratic Union Of Germany - CDU) ने बाजी मार ली है और देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। फेडरिक मर्ज़ (Friedrich Merz) की लीडरशिप में पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है। ऐसे में अब उनका अगला जर्मन चांसलर (German Chancellor) बनना तय है।

कौन है मर्ज़?

69 वर्षीय मर्ज़ का जन्म 11 नवंबर, 1955 को हुआ था। 1972 में वह क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ऑफ जर्मनी पार्टी का हिस्सा बने। मर्ज़, 1989 में पहली बार सॉएरलैंड (Sauerland) शहर से सांसद चुने गए। हालांकि लंबे राजनीतिक करियर को ब्रेक देते हुए मर्ज़ ने 2009 में राजनीति को छोड़ने का फैसला लिया। तब लगा था कि अब वह राजनीति में कभी वापसी नहीं करेंगे, लेकिन 2018 में वह फिर से राजनीति में लौट आए। 2022 में उन्हें क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ऑफ जर्मनी का लीडर चुना गया और 2025 में उन्होंने अपनी पार्टी को चुनाव में बड़ी जीत दिलाई।

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'नेशन फर्स्ट' पॉलिसी के समर्थक

मर्ज़, 'नेशन फर्स्ट' पॉलिसी के समर्थक हैं। उनका मानना है कि जर्मनी और जर्मनी के लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए। इस मामले में उन्हें काफी कट्टर माना जाता है, क्योंकि वह जर्मनी में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों के पक्ष में नहीं हैं और उन्हें वापस उनके देशों में डिपोर्ट करना चाहते हैं। मर्ज़ का मानना है कि जर्मनी में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासी, देश की सुरक्षा के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए भी सही नहीं हैं और ऐसे में उन्हें देश से निकालना ज़रूरी है।

गांजे के सख्त खिलाफ

मर्ज़, गांजे के सख्त खिलाफ हैं। एक समय जर्मनी में गांजे पर बैन लगा हुआ था, जिसे 2023 में हटा दिया गया था। मर्ज़ का मानना है कि गांजा, देश के युवाओं और दूसरे लोगों के लिए बिल्कुल भी सही नहीं हैं और इससे न सिर्फ उनके जीवन पर असर पड़ता है, बल्कि समाज का विकास भी रुकता है। ऐसे में चांसलर बनने के बाद मर्ज़, जर्मनी में गांजे पर एक बार फिर से बैन लगा सकते हैं।

भारत-जर्मनी संबंधों में आ सकती है और मज़बूती

मर्ज़ के जर्मन चांसलर बनने के बाद बाद भारत और जर्मनी के संबंधों में और मज़बूती आ सकती है। मर्ज़ लंबे समय से दोनों देशों के बीच मज़बूत संबंधों के समर्थक रहे हैं और उनका मानना है कि भारत-जर्मनी पार्टनरशिप से दोनों देशों को काफी फायदा हो सकता है।



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