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ईरान की न्यूक्लियर साइट को तबाह करने वाला अमेरिकी B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर विमान कितना पावरफुल है?

अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर हमले के लिए B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर विमान का इस्तेमाल किया। अमेरिकी वायुसेना के पास 19 ऑपरेशनल B-2 बॉम्बर हैं। एक विमान 80 हजार पाउंड तक का विस्फोट लेकर उड़ान भरने में सक्षम है।

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Jun 22, 2025
Bomber Jets USA (Photo:Twitter)

अमेरिका (America) ने ईरान (Iran) के तीन मुख्य परमाणु ठिकानों (Nuclear Site) फोर्डो नतांज और इस्फहान पर हमला किया। अमेरिकी वायुसेना ने फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर हमले के लिए B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर विमान का इस्तेमाल किया। अन्य दो पर उसने 400 मील दूर पनडुब्बी से मिसाइलें लॉन्च की। बताया जा रहा है कि स्टील्थ बॉम्बर विमान (Bomber Jets) से अमेरिकी वायुसेना ने MOP (मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर) बम गिराए हैं।

मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर का वजन 13,600 KG

MOP बम का वजन करीब 30000 पाउंड यानी 13 हजार 600 किलोग्राम होता है। इसे जमीन के नीचे 200 फीट (60 मीटर) की गहराई में बने बंकरों को तबाह करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस बम का ऊपरी हिस्सा मजबूत स्टील से बना होता है। जिसके कारण बम जमीन को चीरते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंचता है। बम में विस्फोट होने के बाद यह ठिकाने को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। यह बम GPS गाइडेड होता है। केवल B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर से ही यह बम गिराया जा सकता है।

B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर विमान कितना पावरफुल है

B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर रडारों से बच सकता है। अपने अनोखे डिजाइन के कारण यह आसमान में लगभग गायब हो सकता है। बॉम्बर विमान रात के अंधेरे या बादलों के बीच बिना किसी को भनक लगे दुश्मन के इलाके में घुस सकता है और तबाही ला सकता है। इसकी लंबाई करीब 69 फीट है। पंखों का फैलाव करीब 172 फीट है। यह विशालकाय विमान 80 हजार पाउंड तक हथियार ले जाने में सक्षम है। यह विमान करीब 6 हजार मील नॉटिकल मील तक उड़ान भर सकता है। हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता होने से इसकी रेंज बढ़ जाती है।

अमेरिकी वायुसेना के पास 19 ऑपरेशनल B-2 बॉम्बर

अमेरिकी वायुसेना के पास 19 ऑपरेशनल B-2 बॉम्बर हैं। ये बॉम्बर आवाज की रफ्तार से कम गति पर उड़ते हैं, लेकिन इनकी मारक क्षमता जबरदस्त है। 1990 के दशक में कोसोवो युद्ध के दौरान B-2 पायलट्स ने अमेरिका के मिसौरी स्थित अपने बेस से उड़ान भरकर सीधे लक्ष्य पर हमला किया था। 2017 में दो B-2 बॉम्बर्स ने 34 घंटे की लंबी उड़ान भरकर लीबिया में इस्लामिक स्टेट के कैंपों पर हमला किया था।

इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू लगातार ट्रंप से ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल होने की मांग कर रहे थे। दरअसल, फोर्डो स्थित ईरान का न्यूक्लियर साइट भूमिगत है। इजरायली सरकार के अनुसार, साइट भूमि से 60 फीट नीचे है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना था कि इस साइट पर हमला करने के लिए अमेरिका को आगे आना पड़ेगा। क्योंकि जमीन के भीतर के ठिकानों को भेदने में सिर्फ अमेरिका का स्टील्थ बॉम्बर विमान और MOP कारगर है।

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