पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की मौत की अफवाह पर उनकी बहन उज़मा खान ने विराम लगा दिया था जब अदियाला जेल में दोनों की मुलाकात हुई। इसी बीच इमरान का सोशल मीडिया पोस्ट सामने आया है। इस पोस्ट में इमरान ने क्या कहा? आइए जानते हैं।
पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व पीएम इमरान खान (Imran Khan) की मौत की अफवाह से कुछ दिन पहले हंगामा मच गया था। वह 2 साल से भी ज़्यादा समय से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और जेल में ही उनकी हत्या की अफवाह सामने आई। इमरान के परिजनों को भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा था और इस वजह से अफवाह और गहराती गई। हालांकि उनकी बहन उज़मा खान को दो दिन पहले ही अपने भाई से मिलने दिया और उन्होंने इमरान की मौत की अफवाह पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया कि पूर्व पाकिस्तानी पीएम ज़िंदा हैं, लेकिन उन्हें जेल में टॉर्चर किया जा रहा है। इसी बीच अब इमरान खान का एक बड़ा बयान सामने आया है।
इमरान के सोशल मीडिया पर उनकी टीम ने पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में लिखा, "आसिम मुनीर मानसिक रूप से बीमार हैं, जिसके नैतिक पतन की वजह से पाकिस्तान में संविधान और कानून का राज पूरी तरह खत्म हो गया है। इससे हर पाकिस्तानी के बुनियादी मानवाधिकार असुरक्षित हो गए हैं।
मुझे और मेरी पत्नी को मुनीर के कहने पर झूठे इल्ज़ामों में जेल में डाल दिया गया है और हमें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। मुझे एक सेल में पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया गया है और अकेलेपन में रखा गया है। चार हफ्तों तक मुझे किसी भी इंसान से मिलने की इजाज़त नहीं थी और मुझे बाहरी दुनिया से पूरी तरह से अलग कर दिया गया था। जेल मैनुअल के तहत गारंटी वाली बुनियादी ज़रूरतें भी हमें नहीं दी गईं।
हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद पहले मेरे राजनीतिक साथियों से मेरी मुलाक़ात पर रोक लगा दी गई और अब मेरे वकीलों और परिवार से भी मेरी मुलाक़ातें रोक दी गई हैं। कोई भी मानवाधिकार चार्टर दिखाएगा कि मानसिक टॉर्चर को 'टॉर्चर' माना जाता है और इसे शारीरिक शोषण से भी ज़्यादा गंभीर माना जाता है।
मेरी बहन नूरीन नियाज़ी को सिर्फ इसलिए सड़क पर घसीटा गया क्योंकि उसने मुझसे अपनी सही मुलाक़ात की मांग की थी। सिर्फ मुनीर जैसा आदमी ही ऐसे बर्ताव की इजाज़त दे सकता है। उसने एक बुज़ुर्ग कैंसर सर्वाइवर डॉ. यास्मीन राशिद को सिर्फ राजनीतिक बदले की भावना से जेल में डाल दिया है। मेरी पत्नी बुशरा बेगम को सिर्फ मुझ पर दबाव डालने के लिए जेल में डाला गया है। यहाँ तक कि बच्चों को भी उनसे मिलने नहीं दिया जाता और उन्हें सभी सुविधाओं से दूर रखा गया है। ये उदाहरण मुनीर के चरित्र और मानसिक स्वभाव को दिखाते हैं।
अकेलेपन में रहना बहुत दर्दनाक है, लेकिन मैं इसे सिर्फ अपने देश के लिए सह रहा हूं। जब तक देश खुद गुलामी की ज़ंजीरें नहीं तोड़ देता, तब तक पाकिस्तान पर थोपे गए माफिया इसका फायदा उठाते रहेंगे। एक्सटेंशन माफिया, लैंड माफिया, शुगर माफिया, और मैंडेट-चोर माफिया इस देश को तब तक गुलाम बनाए रखेंगे जब तक लोग खुद उठ नहीं जाते। आज तुम उनके गुलाम हो, तुम्हारी आने वाली पीढ़ियाँ उनकी पीढ़ियों की गुलाम होंगी। अगर तुम इस चक्कर को तोड़ना चाहते हो, तो देश को खुद गुलामी की ज़ंजीरें तोड़नी होंगी और सच्ची आज़ादी के लिए खड़ा होना होगा। मेरी पार्टी में उन लोगों के लिए कोई जगह नहीं है जो विकेट के दोनों ओर खेलते हैं, ऐसे लोग पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के मीर सादिक और मीर जाफर हैं।
एनडीयू वर्कशॉप में पीटीआई के लोगों का शामिल होना शर्मनाक है। एक तरफ हम हर तरह की मुश्किलें झेल रहे हैं और दूसरी तरफ जब अपने ही लोग हम पर ज़ुल्म करने वालों से मिलते-जुलते हैं, तो मुझे बहुत दुख होता है। मैंने हमेशा कहा है कि अपने ही लोगों पर ड्रोन हमले और सैन्य कार्रवाई से सिर्फ आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। मुनीर की नीतियाँ इस देश के लिए विनाशकारी हैं। उनकी नीतियों की वजह से ही आतंकवाद का कहर काबू से बाहर हो गया है, जिसका मुझे गहरा दुःख है। उन्हें अपने देश के हितों की कोई परवाह नहीं है। वह जो कुछ भी कर रहे हैं, सिर्फ पश्चिमी दुनिया को खुश करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने जानबूझकर अफगानिस्तान के साथ तनाव बढ़ाया ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खुद को 'मुजाहिद' (योद्धा) के रूप में पेश कर सकें। इसका नतीजा पाकिस्तान के अंदर बढ़ते आतंकवाद के रूप में सामने आया।
इस आदमी ने अपने निजी फायदे के लिए देश को आतंकवाद के हवाले कर दिया। सोहेल अफरीदी तारीफ के काबिल हैं क्योंकि उन्होंने मुश्किल समय में सुलह के बजाय विरोध को चुना। अफरीदी को मेरा मैसेज है कि वह फ्रंट फुट पर खेलते रहे। इस देश में कोई कानून या संविधान नहीं है। कानून सिर्फ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के खिलाफ इस्तेमाल होता है; बाकी सबको छूट दी हुई है। अफरीदी जो भी कर रहे हैं, उन्हें करते रहना चाहिए। उन्हें मेरा पूरा सपोर्ट है। जहाँ तक राज्यपाल शासन की धमकी देने वालों की बात है: इंतजार करने के बजाय इसे तुरंत लागू करें और फिर खुद नतीजे देखें।"