भारत कल से अगले तीन दिन दिन तक कुछ ऐसा करने जा रहा है, जिससे पाकिस्तान की टेंशन बढ़ गई है। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान की एयरफोर्स अलर्ट मोड पर है।
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) और 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) के बाद से भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच तनाव काफी ज़्यादा बढ़ गया और अभी भी स्थिति में कुछ खास सुधार नहीं आया है। दोनों देश सीज़फायर का पालन कर रहे हैं, लेकिन दोनों के बीच तनाव की स्थिति बरकरार है। इसी बीच अब भारत ने एक बड़ा फैसला लिया है। भारत कल से अगले तीन दिन (23-25 जुलाई) तक हवाई सैन्याभ्यास करने वाला है, जिसके लिए भारतीय एयरफोर्स (Indian Air Force - IAF) पूरी तरह से तैयार है।
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23-25 जुलाई को राजस्थान (Rajasthan) और गुजरात (Gujarat) के उन इलाकों में भारतीय एयरफोसे हवाई सैन्याभ्यास करेगी, जो पाकिस्तान बॉर्डर से लगते हैं। इनमें जैसलमेर (Jaisalmer), बाड़मेर (Barmer), कच्छ (Kutch) जैसे इलाके शामिल हैं।
'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत के हवाई हमलों ने पाकिस्तान को काफी नुकसान पहुंचाया था। भारत के हवाई हमलों से पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकाने तबाह हो गए थे, सैकड़ों आतंकी मारे गए थे, कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा था और कुछ सैनिक भी मारे गए थे। वहीं भारत की एयरफोर्स और हवाई हमलों को पाकिस्तानी एयरफोर्स और एयर डिफेंस सिस्टम भी नहीं संभाल पाए थे। ऐसे में भारत के बॉर्डर के पास हवाई सैन्याभ्यास करने से अब पाकिस्तान की टेंशन बढ़ गई है।
भारत के हवाई सैन्याभ्यास की खबर से पाकिस्तान में खलबली मच चुकी है। डर की वजह से पाकिस्तान में एयरफोर्स को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है। इसके लिए पाकिस्तानी एयरफोर्स को नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
भारत का 'ऑपरेशन सिंदूर' पूरी तरह से कामयाब रहा था और इसके ज़रिए भारत ने पाकिस्तान में अपने लक्ष्य की प्राप्ति भी कर ली थी। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद 23-25 जुलाई के दौरान भारत का पहला हवाई सैन्याभ्यास होगा।
भारतीय एयरफोर्स तीन दिन के हवाई सैन्याभ्यास के दौरान राफेल, सुखोई-30, तेजस, मिग-29, जैगुआर और मिराज-2000 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दौरान अपाचे हेलीकॉप्टर, S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य कई हवाई हथियारों की भी टेस्टिंग की जा सकती है।
भारत की तरफ से तीन दिन के हवाई सैन्याभ्यास के उद्देश्य को लेकर मन में सवाल आना स्वाभाविक है। इस हवाई सैन्याभ्यास का उद्देश्य इमरजेंसी की स्थिति में भारतीय एयरफोर्स के पूरी तरह से तैयार रहने, युद्ध की परिस्थिति का सामना करने के लिए 24/7 तैयार रहना और बॉर्डर की सिक्योरिटी को मज़बूत बनाए रखना है।