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ISI ने 40,000 से ज्यादा नागरिकों को गायब किया, पाकिस्तान के साथ रिश्ते तोड़ें डोनाल्ड ट्रंप! बलूच नेता ने लिखा खुला खत

Balochistan Human Rights Violations:अमेरिका की हाल के दिनों में पाकिस्तान के साथ नजदीकी देखी गई है। बलूच नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस पर ऐतराज किया है।

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Aug 08, 2025
बलूच नेता मीर यार बलूच ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक खुला पत्र लिखा है ।( फोटो: X Handle The Chronology.)

Balochistan Human Rights Violations:अमेरिका और पाकिस्तान के बढ़ते रिश्तों को लेकर बलूच नेता व मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने चिंता जताई है। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को एक खुला पत्र लिखते हुए अमेरिका से अपील की है कि वह पाकिस्तान जैसे कट्टरपंथी देश से संबंधों पर फिर से विचार करे। मीर यार बलूच ने अमेरिकी राष्ट्रपति से बलूचिस्तान को मान्यता और समर्थन देने का भी आग्रह किया है। बलूच ने अपने पत्र में लिखा, "पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर (Asim Munir) की आगामी अमेरिका यात्रा पर हम आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। मुनीर एक ऐसी संस्था का नेतृत्व करते हैं जो पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन (Balochistan Human Rights Violations) में शामिल हैं। पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई ( ISI) ने न सिर्फ 40,000 से ज्यादा बलूच नागरिकों को गायब किया है, बल्कि ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) सहित वैश्विक आतंकवादियों को पनाह देने में भी सक्रिय रही है।"

क्या वह पंजाब प्रांत में किसी ऐसे भंडार पर अपना दावा कर सकता है ?

उन्होंने पत्र में लिखा है, "हम आपसे जनरल मुनीर से सम्मानपूर्वक यह पूछने का आग्रह करते हैं कि पाकिस्तान किस कानूनी या नैतिक आधार पर बलूचिस्तान की प्राकृतिक संपदा पर अपना दावा करता है? क्या वह पंजाब प्रांत में किसी ऐसे भंडार पर अपना दावा कर सकता है ?" बलूच समुदाय की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए मीर ने लिखा, "बलूचिस्तान पाकिस्तान और ईरान के अवैध कब्जे वाला एक प्राचीन संप्रभु राष्ट्र है, जो दुर्लभ खनिज, तेल, गैस, रणनीतिक भूगोल, हवाई अड्डों और समुद्री बंदरगाहों के मामले में समृद्ध होने के बावजूद दमनकारी शासन के अधीन है और पीड़ित है। हमारी धर्मनिरपेक्ष और शांतिपूर्ण परंपराओं को दबाया जाता है।"

अमेरिका ने पाकिस्तान पर भरोसा कर के बड़ी गलती की

बलूच कार्यकर्ता ने लिखा, "9/11 की आतंकी घटना के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान पर भरोसा कर के बड़ी गलती की। पाकिस्तान ने हमेशा दोहरा खेल खेला है। बलूच, सिंधी और पश्तून जैसे उग्रवाद का विरोध करने वाले धर्मनिरपेक्ष समूहों को मजबूत करने की जगह पूर्व की अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तानी सेना का समर्थन किया है, जबकि पाकिस्तानी सेना आतंक को पनाह और कट्टरपंथ को बढ़ावा देती है। आईएसआई की निगरानी में आईएसआईएस और दाएश जैसे कई आतंकवादी संगठनों के प्रशिक्षण केंद्र हाल के महीनों में बढ़े हैं, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है।"

पाकिस्तान 6 करोड़ बलूच लोगों की वैध आकांक्षाओं को दबाता है

मीर ने पत्र में लिखा, "पाकिस्तान 6 करोड़ बलूच लोगों की वैध आकांक्षाओं को दबाता है। बलूच लोगों ने हमेशा धार्मिक सहिष्णुता और सह-अस्तित्व की परंपरा को कायम रखा है। हम हिंदुओं, यहूदियों, ईसाइयों, बौद्धों या किसी अन्य धर्म के अनुयायियों के प्रति कोई द्वेष नहीं रखते। इसके विपरीत, पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी, आईएसआई के भीतर के तत्वों ने पश्चिम-विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए लगातार कट्टरपंथी धार्मिक समूहों का शोषण किया है।"

क्या अमेरिका शत्रुता को बढ़ावा देने वाले तंत्र को समर्थन देना जारी रखेगा ?

मीर बलूच ने पत्र के जरिये पूछा है कि क्या अमेरिका शत्रुता को बढ़ावा देने वाले सरकारी तंत्र को समर्थन देना जारी रखेगा, जो सार्वजनिक कार्यक्रमों में "अमेरिका इजरायल मुर्दाबाद" के नारे लगवाता है।

सीधी बातचीत शुरू करने का आग्रह किया

मानवाधिकार कार्यकर्ता ने ट्रंप प्रशासन से निर्वासित स्वतंत्रता-समर्थक बलूच नेतृत्व और प्रतिनिधियों बलूच राष्ट्रवादी नेता हिर्बयार मरी और फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट के अध्यक्ष के नेतृत्व में शांति, आर्थिक विकास और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं, के साथ सीधी बातचीत शुरू करने का आग्रह किया। मीर ने पत्र के अंत में अमेरिका से न्यायोचित उद्देश्य के प्रति ध्यान देने की उम्मीद जताई है।

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