Operation Sindoor: जैश ए मोहम्मद के कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने कबूलनामा करते हुए कहा है कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर का पूरा परिवार मारा गया है।
पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक कमांडर ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने चौंकाने वाला कबूलनामा किया है। उसने स्वीकार किया है कि मई 2025 में भारत द्वारा किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' में JeM सरगना मसूद अजहर का पूरा परिवार तबाह हो गया।
ऑपरेशन सिंदूर 7-10 मई 2025 की रात को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा लॉन्च किया गया था। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। हमलावरों की पहचान JeM और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ी बताई गई। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें बहावलपुर का मरकज सुब्हान अल्लाह JeM का मुख्यालय था।
यह हमला मात्र 22 मिनट का था, लेकिन इसके असर गहरे थे। सैटेलाइट इमेजेस से साफ पता चला कि बहावलपुर का पूरा अड्डा नेस्तनाबूद हो गया। JeM के मुख्यालय में ही मसूद अजहर का परिवार रहता था, जो संगठन की फंडिंग और ऑपरेशंस में सक्रिय था। हमले में अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए, जिनमें उसकी पत्नी, बेटा, बड़ी बहन, भतीजा-भतीजी और कई बच्चे शामिल थे। अजहर के भाई रऊफ असगर (कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड) भी गंभीर रूप से घायल हुए।
मसूद अजहर का परिवार JeM को एक फैमिली एंटरप्राइज की तरह चलाता था। IC-814 कंधार हाईजैक (1999) के बाद रिहा हुए अजहर ने 2000 में JeM की स्थापना की। उसके भाई रऊफ और इब्राहिम अजहर संगठन के प्रमुख कमांडर थे, जबकि बहन और अन्य रिश्तेदार फंडिंग व लॉजिस्टिक्स संभालते थे। ऑपरेशन सिंदूर ने इस नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंका। सूत्रों के अनुसार, हमले में मारे गए 14 लोगों में अजहर की बड़ी बहन व उनके पति, भतीजा व उनकी पत्नी, एक भतीजी और पांच बच्चे शामिल थे।
यह कबूलनामा JeM के पतन का संकेत देता है। ऑपरेशन के बाद अजहर ने बहावलपुर मुख्यालय को फिर से बनाने के लिए ऑनलाइन फंडरेजिंग शुरू की, लेकिन संगठन की कमान कमजोर पड़ गई। भारतीय खुफिया एजेंसियां अब JeM के डिजिटल वॉलेट्स और फंडिंग नेटवर्क पर नजर रख रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सफलता भारत की आतंक-रोधी रणनीति की मिसाल है, जो पाकिस्तान को स्पॉन्सर करने वाली आतंकी पनाहगाहों को सीधे निशाना बनाती है।
पाकिस्तान ने हमले के बाद दावा किया था कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह कबूलनामा उनके झूठ को बेनकाब करता है। भारत सरकार ने इसे "संतुलित और गैर-विस्तारवादी" कार्रवाई बताया, जिसमें केवल आतंकी ठिकानों को टारगेट किया गया, न कि पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को।