फ्रांस में चल रही राजनीतिक उथलपुथल के बीच सेबेस्टियन लेकोर्नू को एक बार फिर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम नियुक्त कर दिया है।
फ्रांस (France) में राजनीतिक उथलपुथल रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। 9 सितंबर को सेबेस्टियन लेकोर्नू (Sebastien Lecornu) को देश का नया पीएम नियुक्त किया गया था। 39 वर्षीय लेकोर्नू, चार साल में फ्रांस के चौथे पीएम थे और उन्हें राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) का करीबी भी माना जाता है। हालांकि 6 अक्टूबर को कैबिनेट गठन के कुछ घंटों बाद ही उन्होंने पीएम पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। हालांकि अब फ्रांस की राजनीती में एक नया ट्विस्ट आया है।
इस्तीफे के कुछ दिन बाद ही लेकोर्नू को एक बार फिर फ्रांस का पीएम बनना दिया गया है। राष्ट्रपति मैक्रों ने शुक्रवार को लेकोर्नू को पीएम नियुक्त किया है। हालांकि अभी भी फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता शांत नहीं हुई है और उनकी सरकार गिरने का खतरा भी बना हुआ है। इसके साथ ही मैक्रों के लेकोर्नू को फिर से फ्रांस का पीएम नियुक्त करने के फैसले की आलोचना भी हो रही है।
लेकोर्नू को भले ही एक बार फिर फ्रांस का पीएम बना दिया गया है, लेकिन उनके सामने चुनौतियाँ अभी भी बरकरार हैं। दक्षिणपंथी और वामपंथी विरोध के बीच अल्पमत सरकार चलाना लेकोर्नू के लिए आसान नहीं होगा। इसके अलावा फ्रांस की कमज़ोर होती आर्थिक स्थिति, बजट विवाद, बढ़ता सार्वजनिक ऋण और कटौती योजनाओं पर असहमति भी लेकोर्नू के लिए बड़ी चुनौतियाँ साबित होंगी।
लेकोर्नू की उम्र भले ही सिर्फ 39 साल है, लेकिन उनके पास अनुभव है। वह फ्रांस के सबसे युवा रक्षा मंत्रियों में से एक रहे हैं। सिर्फ 18 साल की उम्र में वह नॉरमैंडी के एक छोटे शहर के मेयर बन गए थे और 22 साल की उम्र में पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी (Nicolas Sarkozy) के सलाहकार भी रह चुके हैं। 2017 से वह मैक्रों की हर सरकार में मंत्री रहे हैं, जिनमें स्थानीय प्रशासन, विदेशी क्षेत्र, और रक्षा मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं।