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Modi 3.0 Oath Ceremony : भारत के साथ खट्टे रिश्तों के बीच कितनी ​मिठास ला पाएंगे चीन समर्थक ‘प्रचंड’,क्या मोदी के साथ होगी द्विपक्षीय वार्ता ?

Modi 3.0 Oath Ceremony : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' भारत के मनोनीत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए अपनी बेटी और एक प्रतिनिधिमंडल के साथ रविवार को नई दिल्ली पहुंचेंगे।

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Jun 08, 2024
Nepal Prime Minister Pushpa Kamal Dahal 'Prachanda'

Modi 3.0 Oath Ceremony : भारत के प्रधानमंत्री ( Narendra Modi) नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) रविवार को भारत पहुंचेंगे। राजनयिकों की मानें तो उन्हें भारत विरोधी और चीन समर्थक माना जाता है। ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या ​दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता होगी।

नेपाल की अपने 100 रुपए के नए नोट पर शरारत

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड को भारत विरोधी और चीन समर्थक माना जाता है और नई दिल्ली और बीजिंग प्रशासन अपने साथ सीमा साझा करने वाले देश नेपाल के प्रधानमंत्री को यात्रा पर आमंत्रित करते रहे हैं। नेपाल और भारत के रिश्तों में तब खटास आई,जब नेपाल ने अपने 100 रुपए के नए नोट पर शरारत की ,नेपाल के 100 रुपये के नए नोट को वहां की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। इस नोट पर नेपाल का नया नक्शा छपा है,जिसमें लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है, जबकि भारत इसे अपना हिस्सा बताता रहा है नेपाल के इस कदम से भारत और नेपाल के रिश्तों में खटास पैदा हो गई थी।

पहली यात्रा का निमंत्रण चीन से आया था

उधर नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में भारत की अपनी पहली विदेश यात्रा की घोषणा की थी, हालांकि उन्होंने उच्च सदन नेशनल असेंबली को बताया था कि पहली यात्रा का निमंत्रण चीन से आया था। तब उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें आमंत्रित करने के बाद चीनी राजदूत ने स्वयं नेपाल की आंतरिक स्थिति का हवाला देते हुए बताया था कि वे चीन यात्रा की संभावना नहीं देख रहे हैं। प्रचंड ने कहा था कि राजदूत ने उनको किसी दूसरे समय पर यात्रा करने की सलाह दी थी और इसके लिए उन्होंने चीनी राजदूत को धन्यवाद भी दिया था।

सन 2022 में भी भारत आए थे

"नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड 09 जून को काठमांडू से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे उनके साथ उनकी बेटी गंगा दहल, कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री माननीय श्री पदम गिरी और नेपाल सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारी होंगे। नेपाली प्रधानमंत्री सोमवार को स्वदेश लौटेंगे। ध्यान रहे कि वे सन 2022 में भी भारत आए थे, तब प्रचंड की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा थी। उन्होंने इससे पहले 2008 और 2016 में भी भारत का दौरा किया था।

अपनी उपस्थिति की पुष्टि की

गौरतलब है कि पीएम मोदी और नेपाल के पीएम 'प्रचंड' ने बुधवार शाम को टेलीफोन पर बातचीत की थी, इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने नेपाली समकक्ष को समारोह के लिए निमंत्रण दिया। बदले में, नेपाली प्रधानमंत्री ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की, जिसकी औपचारिक घोषणा जल्द ही होने की उम्मीद है।

भारतीय मतदाताओं की सराहना

जब पीएम दहल ने हाल के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की "चुनावी सफलता" के लिए मंगलवार को पीएम मोदी को बधाई दी, जो उनके लगातार तीसरे कार्यकाल का प्रतीक है। प्रचंड ने दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के पूरा होने की सराहना करते हुए भारतीय मतदाताओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी की भी सराहना की थी।

हम खुश हैं

उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव में भाजपा और एनडीए की लगातार तीसरी बार चुनावी सफलता पर पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई। हम भारत के लोगों की उत्साही भागीदारी के साथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक अभ्यास के सफल समापन पर खुश हैं।" एक्स पर एक पोस्ट में 'प्रचंड'।

भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति का एक प्रमाण

पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में पड़ोसी क्षेत्र और हिंद महासागर क्षेत्र के कई नेताओं और राष्ट्र प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है, जो भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति का एक प्रमाण है। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा, "श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे; मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू; सेशेल्स के उप राष्ट्रपति अहमद अफीफ; बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना; प्रधानमंत्री" मॉरीशस के मंत्री, प्रविंद कुमार जुगनौथ; नेपाल के प्रधानमंत्री, पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने भाग लेने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।

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