Neuralink's Second Successful Operation: एलन मस्क की न्यूरालिंक कंपनी ने सफलतापूर्वक दूसरे इंसान के दिमाग में चिप लगा दी है।
एलन मस्क (Elon Musk) की न्यूरालिंक (Neuralink) कंपनी इंसानों के दिमाग में कंप्यूटर चिप लगाती है। इसके बाद उनके दिमाग की क्लिनिकल स्टडी की जाती है। इस चिप के इस्तेमाल से टेलीपैथी साइबरनेटिक के ज़रिए दिव्यांगों के लिए कंप्यूटर और स्मार्टफोन जैसे गैजेट्स का इस्तेमाल करना बेहद ही आसान हो जाता है। एलन के इस प्रोजेक्ट को पिछले साल ही अमेरिका (United States of America) के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (Food and Drug Administration – FDA) से मंज़ूरी मिली थी। जनवरी में पहले इंसान के दिमाग में इस प्रोजेक्ट के तहत कंप्यूटर चिप लगाई गई थी जिसका नाम नोलैंड आर्बॉघ (Noland Arbaugh) है। नोलैंड सिर्फ अपने दिमाग के इस्तेमाल से कंप्यूटर और स्मार्टफोन जैसे गैजेट्स का इस्तेमाल कर सकता है। अब कंपनी को एक और सफलता मिल गई है।
सफलतापूर्वक लगाईं दूसरे इंसान के दिमाग में चिप
न्यूरालिंक ने हाल ही में सफलतापूर्वक दुनिया के दूसरे इंसान के दिमाग में चिप लगा दी है। खुद एलन ने इस बारे में जानकारी दी है। जानकारी के अनुसार न्यूरालिंक दिमागी चिप वाला दूसरा मरीज बिल्कुल सही है और अपने दिमाग के इस्तेमाल से कंप्यूटर माउस इस्तेमाल कर सकता है।
मई में शुरू हुई थी आवेदन प्रक्रिया
न्यूरालिंक चिप के लिए दूसरे प्रतिभागी के चयन के लिए आवेदन प्रक्रिया मई में शुरू हुई थी और उसके बाद प्रतिभागी का चयन हुआ और उसके दिमाग में कंप्यूटर चिप लगाई गई।
क्या है एलन के न्यूरालिंक प्रोजेक्ट का लक्ष्य?
एलन के न्यूरालिंक प्रोजेक्ट का लक्ष्य है कि जो शख्स अपने कुछ अंगों का इस्तेमाल नहीं कर सकते, वो न्यूरालिंक चिप की मदद से सिर्फ सोचने भर से ही अपने फोन, कंप्यूटर या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल कर सके। इस प्रोजेक्ट की मदद से टैलीपैथी को संभव बनाने पर काम किया जा रहा है।
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