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ट्रंप को नोबेल न मिलने पर व्हाइट हाउस का पलटवार: “वह युद्ध खत्म करते रहेंगे, जानें बचाते रहेंगे!”

Nobel Peace Prize 2025: नोबेल शांति पुरस्कार 2025 का वेनेजुएला की मारिया मचाडो को मिला, जो तानाशाही के खिलाफ संघर्ष की प्रतीक हैं।

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Oct 10, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो- एएनआई)

Nobel Peace Prize 2025: ओस्लो से आई यह खबर दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रही है कि नॉर्वे की नोबेल पुरस्कार समिति ने 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की लोकतंत्र सेनानी मारिया कोरिना मचाडो (Maria Corina Machado) को दिया गया है। इसके उलट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के लिए झटका साबित हुई, जिन्होंने खुद को इस पुरस्कार का हकदार बताया था। उनके खिसियाने पर व्हाइट हाउस ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए नोबेल समिति पर 'शांति से ज्यादा राजनीति को प्राथमिकता' देने का आरोप लगाया। यह घटना नोबेल की विश्वसनीयता और ट्रंप की महत्वाकांक्षाओं पर नई बहस छेड़ रही है। ध्यान रहे कि 58 वर्षीय मचाडो वेनेजुएला के तानाशाही शासन के खिलाफ छिप कर संघर्ष कर रही हैं, उन्हें लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से शांतिपूर्ण संक्रमण की लड़ाई के लिए यह सम्मान मिला है।

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उन्होंने नोबेल की दौड़ में खुद को आगे बताया

ट्रंप ने हाल ही में इजरायल-हमास युद्ध समाप्त करने और सात युद्धों को रोकने का दावा किया था, जिसके आधार पर उन्होंने नोबेल की दौड़ में खुद को आगे बताया। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी उनका नाम प्रस्तावित किया था। लेकिन नोबेल समिति ने मचाडो को चुना, जिन्होंने 2024 चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी का सामना किया, लेकिन अदालत ने रोक दिया। फिर भी, उन्होंने अपने सहयोगी एडमुंडो गोंजालेज के लिए अभियान चलाया और लाखों लोगों को सड़कों पर उतारा।

यह सम्मान हमारे लोगों की जीत: फ्राइडनेस

समिति के चेयर जॉर्गन वाट्ने फ्राइडनेस ने कहा, "मचाडो ने विरोध को एकजुट किया, समाज के सैन्यीकरण का विरोध किया और शांतिपूर्ण लोकतंत्र की स्थापना में अडिग रहीं।" मचाडो ने पुरस्कार मिलने पर कहा, "यह सम्मान हमारे लोगों की जीत है, हम लोकतंत्र के लिए लड़ते रहेंगे।" यह पुरस्कार वेनेजुएला की 80 लाख शरणार्थी समस्या और मैडुरो शासन की दमनकारी नीतियों पर वैश्विक ध्यान केंद्रित कर रहा है।

सोशल मीडिया पर तूफान मचा

सोशल मीडिया पर तूफान मच गया। MAGA समर्थकों ने मचाडो को 'अज्ञात व्यक्ति' कहा, जबकि वेनेजुएला के विपक्षी इसे 'लोकतंत्र की जीत' बता रहे हैं। X पर #NobelPeace Prize2025 ट्रेंड कर रहा है, ट्रंप ने खुद पोस्ट किया, "मैंने सात युद्ध रोके, लेकिन ये लोग राजनीति खेलते हैं!" मचाडो के समर्थकों ने ट्रंप को धन्यवाद दिया, लेकिन ज्यादातर यूजर्स इसे 'ट्रंप का झटका' कह रहे हैं।

मचाडो को दिसंबर में मिलेगा पुरस्कार

मचाडो को दिसंबर में ओस्लो में पुरस्कार मिलेगा। ट्रंप अब 2026 के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करने पर फोकस करेंगे, खासकर गाजा शांति योजना पर। वेनेजुएला में मैडुरो शासन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा, और अमेरिका की नौसेना की कार्रवाई पर नजर रहेगी। क्या ट्रंप मचाडो से मिलेंगे?

पुरस्कार लैटिन अमेरिका में लोकतंत्र की लड़ाई का प्रतीक

यह पुरस्कार सिर्फ व्यक्तिगत सम्मान नहीं, बल्कि लैटिन अमेरिका में लोकतंत्र की लड़ाई का प्रतीक है। ट्रंप की हार उनकी विदेश नीति की आलोचना को बढ़ावा देगी – ईरान हमले और नार्को-बोट्स पर बमबारी को 'विभाजनकारी' कहा जा रहा है। मचाडो का चयन ट्रंप की ही नीतियों का समर्थन करता है, लेकिन नोबेल ने 'सिविलियन करेज' को प्राथमिकता दी। क्या यह ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करेगा ?

नोबेल समिति राजनीति को शांति से ऊपर रखती है: व्हाइट हाउस

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने X पर पोस्ट कर कहा, "नोबेल समिति ने फिर साबित किया कि वे राजनीति को शांति से ऊपर रखते हैं। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप शांति समझौते करते रहेंगे, युद्ध खत्म करेंगे और जानें बचाएंगे। उनका दिल मानवतावादी है, और उनकी इच्छाशक्ति से पहाड़ हिल जाते हैं।" ट्रंप समर्थकों ने इसे 'नोबेल की साजिश' बताया, जबकि आलोचक इसे ट्रंप की 'अहंकारी उम्मीदों' का अंत मान रहे हैं।

ट्रंप ने उन्हें 'लोकतंत्र की योद्धा' कहा था

मचाडो ने पहले ट्रंप की तारीफ की थी, जब जनवरी में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। ट्रंप ने उन्हें 'लोकतंत्र की योद्धा' कहा था। लेकिन नोबेल का फैसला ट्रंप के लिए अपमानजनक साबित हुआ, खासकर जब नॉमिनेशन जनवरी में बंद हुए थे – उनके दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ऐसा हुआ था। (इनपुट क्रेडिट: ANI)

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