OpenAI ने कहा है कि भारत में चलाए गए इजरायली कंपनी STOIC ने मुख्य तौर पर Lok Sabha Elections 2024 के दौरान एंटी बीजेपी (BJP) कंटेट पोस्ट कराए और इसमें कई पोस्ट और पोस्टर ऐसे भी तैयार किए गए जिसमें कांग्रेस (Indian National Congress) की तारीफ की गई है और कांग्रेस नेताओं की तारीफ की गई है।
ChatGPT की निर्माता कंपनी OpenAI ने एक नई रिपोर्ट में दावा किया है कि एक इजरायली फर्म ने भारत के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) प्रभावित करने की कोशिश की है। कंपनी ने अपने सीक्रेट ऑपरेशंस में AI जनरेटेड कंटेट को सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म्स पर प्रचारित किया। OpenAI का कहना है कि फर्म का मुख्य उद्देश्य भारत में एंटी BJP अभियान चलाना था। OpenAI ने अपनी वेबसाइट की रिपोर्ट में कहा है कि इज़राइल में एक राजनीतिक अभियान प्रबंधन फर्म STOIC ने गाजा संघर्ष (Gaza Conflict)के साथ-साथ भारतीय चुनावों पर भी भ्रामक कंटेट पोस्ट करवाए हैं।
OpenAI की इस रिपोर्ट पर भारत के नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandra Shekhar) ने कहा है कि ये बिल्कुल साफ है कि “ये बिल्कुल साफ है कि भाजपा ही इस कुप्रचार का लक्ष्य थी। लेकिन क्या ये रिपोर्ट पहले क्यों नहीं प्रसारित की गई इसे अभी जब नतीजे आने में महज़ दिन बाकी है तभी क्यों लाया गया।”
OpenAI ने साथ में ये भी कहा है कि भारत में चलाए गए इजरायली कंपनी STOIC ने मुख्य तौर पर एंटी बीजेपी (BJP) कंटेट पोस्ट कराए और इसमें कई पोस्ट और पोस्टर ऐसे भी तैयार किए गए जिसमें कांग्रेस (Indian National Congress) की तारीफ की गई है और कांग्रेस नेताओं की तारीफ की गई है। कंपनी ने कहा कि मई में, उन्होंने भारतीय चुनावों पर केंद्रित कुछ गतिविधियों को शुरू होने के 24 घंटे से भी कम समय में ही रोक दिया था और इसके सभी अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया था। इन अकाउंट्स को एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वेबसाइटों और यूट्यूब तक फैले एक प्रभाव ऑपरेशन के लिए संपादित किया जा रहा था।
भारत के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को प्रभावित करने के उद्देश्य से किए जा रहे इस काम में कनाडा, अमेरिका के लोग शामिल हैं साथ ही अंग्रेजी और हिब्रू भाषा बोलने वाले लोग इसके टारगेट थे।
बता दें कि इस समय दुनिया के कई देशों में चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों के शुरू होने से पहले ही ये चेतावनी जारी की गई थी कि इन चुनावों में AI का दुरुपयोग हो सकता है और चुनावों को प्रभावित करने की भरपूर कोशिश की जा सकती है। इससे बचने के लिए एक सिंडिकेट भी बनाया गया था। जिसमें मेटा की फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, OpenAI, गूगल, समेत कई कंपनियों के अधिकारी शामिल थे। तब ये कहा गया था कि चुनावों में क्या-क्या हो रहा है और क्या इसमें AI का उपयोग या दुरुपयोग किया जा रहा है।