Pakistan shelters terrorists: असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर बड़ा हमला बोलते हुए पूछा कि जेल में रहते हुए आतंकी लखवी पिता कैसे बन गया।
Pakistan shelters terrorists: “एक आतंकवादी जेल में रहते हुए बाप कैसे बन गया?”- एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Owaisi on Pakistan) ने सीधे पाकिस्तान की ओर यह सवाल उछाल दिया है। अल्जीरिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ओवैसी ने पाकिस्तान की आतंक परस्त नीति पर तीखा हमला बोला (Pakistan terrorism support) और जकीउर रहमान लखवी (Zakiur Rehman Lakhvi jail) के जेल में रहते हुए पिता बनने के केस से उस रणनीति की पोल खोल दी है। उन्होंने पाकिस्तान को दोबारा FATF की ग्रे लिस्ट (FATF grey list Pakistan) में डालने की मांग की, ताकि आतंकवाद पर वैश्विक नियंत्रण बढ़े। ध्यान रहे कि इंटेल रिपोर्ट के अनुसार, लखवी के जेल में ‘पिता बनने’ की खबर भारतीय एजेंसियों ने 2015 में ही पकड़ ली थी, लेकिन इसे तब राजनीतिक कारणों से सार्वजनिक नहीं किया गया।
ओवैसी ने चुभता हुआ सवाल उठाते हुए कहा, “दुनिया में कोई भी देश आतंकवादी को जेल में विशेष सुविधा नहीं देता, लेकिन पाकिस्तान में लखवी जेल में बैठा था और उसी दौरान उसका बेटा पैदा हो गया। क्या यह मुमकिन है बिना सरकार की मिलीभगत के हो सकता है? ” उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में गया, तो “मुकदमा जादू की तरह तेज़ हो गया।”
असदुद्दीन ओवैसी ने खुल कर कहा कि अगर पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए, तो भारत में आतंकी घटनाओं में भारी कमी आ सकती है। उनके शब्दों में: “ये अब सिर्फ़ साउथ एशिया का मुद्दा नहीं है। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर जवाबदेह बनाना ज़रूरी है।”
ओवैसी ने आगे कहा कि आतंकवाद दो चीज़ों पर पनपता है -कट्टर विचारधारा और बेहिसाब फंडिंग के कारण। उन्होंने अल्जीरिया के काले दशक की याद दिलाते हुए कहा कि “इस दर्द को अल्जीरिया भी समझता है। आतंकवाद पर हमें एकजुट रहना होगा।”
भारत-अल्जीरिया रिश्तों पर बात करते हुए ओवैसी ने कहा- “हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही अल्जीरिया आएंगे, और अल्जीरियाई राष्ट्रपति भारत की यात्रा करेंगे। यह दोनों देशों के संबंधों को एक नई ऊंचाई देगा।”
जैसे ही असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया, सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के खिलाफ नाराजगी की लहर दौड़ गई। भारत के सुरक्षा विशेषज्ञों, रिटायर्ड अफसरों और बुद्धिजीवियों ने एक सुर में ओवैसी की बात का समर्थन किया और पाकिस्तान से जवाब मांगा:जनरल (रिटा.) एस.के. मलिक ने कहा, "लखवी का जेल में रहते पिता बनना सिर्फ सिस्टम की कमजोरी नहीं, पाकिस्तान की जानबूझ कर की गई सुरक्षा नीति है।"
साउथ एशिया मामलों के जानकार प्रो. फैयाज अहमद ने कहा,"ओवैसी ने जो कहा है, वो भारत की ही नहीं, पूरी दुनिया की चिंता है। पाकिस्तान को आतंकवाद पर दोहरा रवैया बंद करना होगा।"
ओवैसी के इस सीधे-सीधे आरोप पर अब तक पाकिस्तान की सरकार या ISPR की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस खामोशी ने इन सवालों को और तीखा बना दिया है: क्या पाकिस्तान वाकई आतंकवाद को राज्य की नीति के तौर पर इस्तेमाल करता है?
भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय इस मुद्दे को अगले FATF सत्र में उठाने की तैयारी कर रहा है।
लखवी 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है, और वह वर्षों तक पाकिस्तान की जेल में रहा —कम से कम कागजों में है, लेकिन असली कहानी कुछ और ही कहती है: सूत्रों के मुताबिक, लखवी को जेल में "वीआईपी ट्रीटमेंट" दिया गया। उसकी सेल में परिवार से मिलने के लिए प्राइवेट टाइम, मोबाइल फोन और बाहर का खाना तक मिलता था। ISI ने उसे “low-profile asset” के तौर पर रखा, और दबाव पड़ने पर पेश किया।
बहरहाल यह भाषण सिर्फ एक विरोधी नेता की टिप्पणी नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया में नया सुरक्षा विमर्श है - जहां पाकिस्तान की आतंक-नीति पर सवाल अब खुले मंच से पूछे जा रहे हैं। ओवैसी ने अल्जीरिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने लखवी के उदाहरण से साबित किया कि पाकिस्तान में आतंकवादियों को जेल में भी विशेष सुविधाएं दी जाती हैं।