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बांग्लादेश में बड़ा सियासी भूचाल! शेख हसीना पर लटक रही फांसी की तलवार

Sheikh Hasina trial Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के खिलाफ इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (Bangladesh International Crimes Tribunal) में रविवार से ऐतिहासिक सुनवाई शुरू (Sheikh Hasina trial) हो गई है। यह पहली बार है जब किसी पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ इस स्तर की लाइव टेलीकास्ट के साथ सार्वजनिक कानूनी कार्यवाही हो रही […]

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भारत

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MI Zahir

Jun 01, 2025

Hasina Death Sentence Reaction

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना। (फोटो: ANI)

Sheikh Hasina trial Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के खिलाफ इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (Bangladesh International Crimes Tribunal) में रविवार से ऐतिहासिक सुनवाई शुरू (Sheikh Hasina trial) हो गई है। यह पहली बार है जब किसी पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ इस स्तर की लाइव टेलीकास्ट के साथ सार्वजनिक कानूनी कार्यवाही हो रही है। इस सुनवाई में उन्हें मौत की सजा भी (Sheikh Hasina death sentence)हो सकती है, य​ह घटनाक्रम देश की राजनीति में बड़ा बदलाव (Bangladesh political crisis) ला सकता है। सारी दुनिया की निगाहें इस केस की सुनवाई पर लगी हुई हैं।

क्यों चर्चा में हैं शेख हसीना ? (Crimes against humanity Bangladesh)

पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप है कि 2024 में देशभर में फैले छात्र आंदोलनों को दबाने के लिए उन्होंने सरकारी मशीनरी के जरिए “व्यवस्थित और समन्वित हमला” कराया। अभियोजन पक्ष का दावा है कि इन हमलों में 1,400 से अधिक लोग मारे गए।
आरोपों में मानवता के खिलाफ अपराध, नरसंहार और हत्या शामिल हैं।

देश देख रहा है -सुनवाई LIVE!

बांग्लादेशी ICT की यह सुनवाई न केवल कानून बल्कि मीडिया इतिहास में भी एक बड़ा मोड़ है। ट्रिब्यूनल ने सुनवाई को लाइव प्रसारित करने की मंज़ूरी दी है -जनता अब खुद देख सकती है कि आरोपों की सच्चाई क्या है।

बांग्लादेश में अब तक क्या हुआ ?

हसीना अगस्त 2024 में भारत भाग गई थीं। वह फिलहाल भारत में एक गोपनीय स्थान पर रह रही हैं। बांग्लादेश ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन भारत संधि में "राजनीतिक अपराधों" के तहत प्रत्यर्पण से मना कर सकता है। ICT ने हसीना और उनके 45 सहयोगियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान और पूर्व पुलिस प्रमुख मामून पहले से जेल में हैं और उनकी सुनवाई भी इसी केस के तहत हो रही है।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर कहर

हसीना के पद छोड़ने के बाद देश में बढ़ी अस्थिरता का खामियाजा खासकर हिंदू अल्पसंख्यकों को भुगतना पड़ा है। जैसोर ज़िले में हिंदू समुदाय के 20 से अधिक घर जलाए गए और कई लोगों को घायल किया गया।

सियासत के पीछे की साजिश ?

शेख हसीना के खिलाफ ट्रिब्यूनल की सुनवाई को लेकर अब यह सवाल उठ रहा है -क्या ये केवल न्यायिक प्रक्रिया है या राजनीतिक बदले की कार्रवाई है?

विपक्षी दल BNP (Bangladesh Nationalist Party) पर आरोप है कि वह इस मामले को भुना कर सत्ता में वापसी की रणनीति बना रही है। सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट में पेश किए गए कई साक्ष्य पूर्व सैन्य अधिकारियों और राजनीतिक विरोधियों से आए हैं- जिनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

साइड एंगल : सेना की भूमिका पर सवाल

बांग्लादेशी सेना की भूमिका इस पूरे घटनाक्रम में ‘साइलेंट लेकिन सेंट्रल’ मानी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि 2024 के अंत में हुए सत्ताविरोधी आंदोलनों में कुछ सैन्य धड़े हसीना सरकार से "नाराज़" थे। ट्रिब्यूनल के गवाहों में दो पूर्व सैन्य अफसर भी शामिल हैं -जिनका हसीना शासन से टकराव पहले भी सार्वजनिक हो चुका है। इंटरनल रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना और सत्तारूढ़ पार्टी के बीच भरोसे की खाई चुनावों से पहले ही चौड़ी हो गई थी।

ग्राउंड रिपोर्ट : छात्र नेता बोले: “हसीना ने हमारे खून का सौदा किया”

संवाददाता ने ढाका यूनिवर्सिटी के छात्र नेता रियाज हुसैन से बात की। रियाज ने कहा, “2024 की उस गर्मी में हमने लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी थीं, लेकिन हमारे दोस्तों की लाशों पर हसीना सरकार चुप रही। अब अगर न्याय नहीं मिला, तो ये ट्रिब्यूनल एक मज़ाक बन कर रह जाएगा।”

अल्पसंख्यकों के जख्म ताजा

ICT में ट्रायल भले ही राजनीतिक हिंसा पर हो रहा हो, लेकिन अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की कहानी अलग ही दर्द सुनाती है। जैसोर में ग्राउंड टीम ने जिन पीड़ितों से बात की, उनमें 62 वर्षीय गोपीनाथ विश्वास ने बताया: “हमें न तो पुलिस ने बचाया, न सरकार ने सुना। हम बस यही पूछते हैं -हमारा कुसूर क्या था ?”

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया : ICT की निष्पक्षता पर सवाल उठाए

मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ICT की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं और ट्रायल की पारदर्शिता पर निगरानी रखने की अपील की है।

बांग्लादेश में अब आगे क्या होगा ?

बहरहाल बांग्लादेश में अब आने वाले हफ्तों में ट्रिब्यूनल की कार्रवाई तेज होने वाली है। अगर हसीना पर लगे आरोप सिद्ध होते हैं तो उन्हें मौत की सज़ा सुनाई जा सकती है। यह फैसला न सिर्फ बांग्लादेश के लोकतंत्र की दिशा तय करेगा, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की राजनीति भी झकझोर देगा।

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