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चीन की वजह से पाकिस्तान में अब गधा खरीदना मुश्किल, कीमत 2 लाख के पार, रोजी-रोटी पड़ा असर

पाकिस्तान में अनुमानित 59 लाख से अधिक कामकाजी गधे हैं, जिनका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में माल ढुलाई, निर्माण कार्य, और खेती में किया जाता है। इनकी बढ़ती कीमतों ने उन गरीब परिवारों को संकट में डाल दिया है, जो अपनी जीविका के लिए इन पर निर्भर हैं।

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Jun 09, 2025
In Pakistan, donkeys that used to sell for ₹25,000–30,000 are now priced at ₹2 lakh.

पाकिस्तान के ग्रामीण और गरीब तबके के लिए गधा सिर्फ एक जानवर नहीं, बल्कि आजीविका का प्रमुख साधन है। लेकिन हाल के दिनों में इस मेहनती पशु की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ उछाल आया है, जो गधा पहले 25-30 हजार रुपये में मिल जाता था, अब उसकी कीमत दो लाख रुपये तक पहुंच गई है। इस असामान्य मूल्यवृद्धि की वजह है चीन में तेजी से बढ़ रही 'ईजियाओ' इंडस्ट्री, जहां पारंपरिक चीनी दवाओं के निर्माण के लिए गधों की खाल की जबरदस्त मांग है।

क्या है 'ईजियाओ' और क्यों है गधे की खाल की इतनी मांग?

'ईजियाओ' एक प्रकार की पारंपरिक चीनी हर्बल दवा है, जो गधे की खाल से निकाली गई जिलेटिन से बनाई जाती है।
यह दवा रक्त संचार सुधारने, त्वचा को निखारने और महिला प्रजनन स्वास्थ्य के लिए उपयोग की जाती है। चीन की इस अरबों डॉलर की फार्मा इंडस्ट्री में अब गधों की भारी डिमांड है, और इसके चलते पड़ोसी देशों खासकर पाकिस्तान, इथियोपिया और सूडान से गधों की खरीद की जा रही है।

कामकाजी गधे हुए महंगे, पाकिस्तान के गरीबों पर दोहरी मार

पाकिस्तान में अनुमानित 59 लाख से अधिक कामकाजी गधे हैं, जिनका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में माल ढुलाई, निर्माण कार्य, और खेती में किया जाता है। इनकी बढ़ती कीमतों ने उन गरीब परिवारों को संकट में डाल दिया है, जो अपनी जीविका के लिए इन पर निर्भर हैं। अब नई कीमतों पर गधा खरीदना संभव नहीं, जिससे उनका रोजगार प्रभावित हो रहा है और जीवन यापन का संकट गहराता जा रहा है।

अप्रैल 2025 में चीन के एक प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान में गधा पालन फार्म शुरू करने में दिलचस्पी दिखाई। रिपोर्टों के मुताबिक, बीते पांच वर्षों में ‘ईजियाओ’ से जुड़े उत्पादों की मांग में 160 फीसदी तक की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इस तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए लाखों गधों की खाल की ज़रूरत पड़ रही है। इसका असर पाकिस्तान में साफ देखा जा रहा है, यहां के गधों की चीन में भारी मांग ने स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

Published on:
09 Jun 2025 08:40 am
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