Russian Airstrike Ukraine 2025: यूक्रेन के यारोवा गांव में रूस की बमबारी में 20 से ज्यादा नागरिक मारे गए। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका, यूरोप और G20 से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।
Russian Airstrike Ukraine 2025: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने एक बार फिर रूस पर सीधा हमला बोला है। मंगलवार को डोनेट्स्क क्षेत्र के यारोवा गांव में हुई रूसी बमबारी(Donetsk Bombing News) में 20 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिसके बाद राष्ट्रपति (Russian Airstrike Ukraine 2025) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कार्रवाई की अपील की। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हमले की निंदा करते हुए कहा, “यह एक अत्यंत क्रूर हवाई हमला था। आम नागरिकों को उस वक्त निशाना बनाया गया जब उन्हें पेंशन वितरित की जा रही थी। यह सुनियोजित नरसंहार है।” उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई और कहा कि इस हृदय विदारक दृश्य को बयान करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। इधर जेलेंस्की ने अमेरिका, यूरोप और G20 देशों से (Zelensky G20 Response) रूस पर कड़े प्रतिबंध और सैन्य प्रतिक्रिया की मांग की। उन्होंने(Ukraine Russia War Update) कहा: “रूस लगातार निर्दोष जिंदगियों को खत्म कर रहा है, और दुनिया अभी भी मूक दर्शक बनी हुई है। अब समय आ गया है कि दुनिया इस आक्रामकता को रोके। रूस को जवाब मिलना चाहिए।”
यारोवा गांव स्लोवियास्क शहर से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह इलाका रूसी कब्जे वाले क्षेत्र से महज 9 किलोमीटर की दूरी पर है।स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे यह हमला उस वक्त हुआ जब पेंशन वितरण किया जा रहा था।
डोनेट्स्क ओब्लास्ट के गवर्नर वादिम फिलाश्किन ने बताया कि हमले में 20 से अधिक नागरिक मारे गए और कई घायल हुए हैं। यह हमला हवाई बमों के ज़रिये किया गया, जिससे आसपास की सड़कों और इमारतों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
इस हमले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वैश्विक मंच अब भी सिर्फ बयान देगा या कोई ठोस कदम उठाएगा? यूक्रेन का साफ कहना है कि जब तक रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़े प्रतिबंधों और सैन्य दबाव का सामना नहीं करना पड़ेगा, तब तक ऐसे हमले रुकने की कोई गारंटी नहीं।
यूरोपीय संघ (EU): यूरोपीय आयोग ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि "रूस के खिलाफ प्रतिबंध और सख्त किए जाएंगे।"
अमेरिका: व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि "यह हमला मानवता के खिलाफ अपराध है, और अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है।"
संयुक्त राष्ट्र: UN ने मामले की जांच कराने की बात कही है और रूस से नागरिक इलाकों पर हमले बंद करने की अपील की।
भारत: अब तक भारत ने कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कूटनीतिक स्तर पर स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
यूक्रेन इस हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मामला उठा सकता है।
रूस पर नई वैश्विक आर्थिक और ऊर्जा प्रतिबंधों की संभावना बढ़ गई है।
यूरोप और अमेरिका से यूक्रेन को अधिक हवाई सुरक्षा प्रणाली (Air Defense Systems) दिए जाने की मांग तेज हो गई है।
यूक्रेनी सेना डोनेट्स्क क्षेत्र में जवाबी कार्रवाई की तैयारी में है।
जी20 शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे को राजनीतिक दबाव के रूप में उठाया जा सकता है।
यह हमला उस समय हुआ जब ग्रामीणों को पेंशन वितरित की जा रही थी, जिससे साफ होता है कि हमले की टाइमिंग जानबूझकर चुनी गई थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस अब मानसिक और सामाजिक दबाव बनाने के लिए आम नागरिकों की दिनचर्या को निशाना बना रहा है।
इससे पहले भी स्कूल, अस्पताल, और बाजारों पर हमले हो चुके हैं — यह दर्शाता है कि रूस की रणनीति अब केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रही।
यह घटना इस बात का इशारा भी हो सकती है कि रूस यूक्रेन की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था को तोड़ना चाहता है, जिससे युद्ध में मानसिक जीत मिल सके।