Putin's India Visit: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रूस के दौरे के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उन्हें भारत आने का न्यौता दिया था, जिससे पुतिन ने स्वीकार किया था। अब पुतिन के भारत दौरे से जुड़ा एक बड़ा अपडेट सामने आया है। क्रेमलिन की तरफ से यह बता दिया गया है कि रूसी राष्ट्रपति कब भारत आएंगे।
अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के 50% टैरिफ के आगे भारत (India) ने झुकने से मना कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने साफ कर दिया है कि अमेरिकी टैरिफ के चलते भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी फार्मर्स के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। ट्रंप और उनके प्रशासन के कई लोग लगातार भारत को रूस से तेल न खरीदने की चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भारत, रूस से तेल खरीद रहा है और आयात की मात्रा भी बढ़ा दी है। रूस की तरफ से भी साफ कर दिया गया है कि भारत से उसकी दोस्ती पर ट्रंप की धमकियों का कोई असर नहीं पड़ेगा और वो भारत को तेल की खरीद पर डिस्काउंट भी दे रहा है। कुछ हफ्ते पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के भारत आने की बात सामने आई थी और अब इस मामले में बड़ा अपडेट सामने आ गया है।
महीने की शुरुआत में पीएम मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) रूस गए थे। इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को पीएम मोदी की तरफ से भारत आने का न्यौता दिया था, जिसे पुतिन ने स्वीकार कर लिया था। पुतिन कब भारत आएंगे, यह जानकारी भी अब सामने आ गई है। पुतिन दिसंबर में भारत का दौरा करेंगे। क्रेमलिन (Kremlin) में पुतिन के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के सहयोगी यूरी उशाकोव (Yuri Ushakov) ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी।
दिसंबर में भारत की राजधानी दिल्ली में भारत-रूस शिखर सम्मेलन 2025 आयोजित होगा। दोनों देशों के बीच यह 23वां वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा। पुतिन इसमें हिस्सा लेने और पीएम मोदी से मुलाकात करने के लिए भारत आ रहे हैं।
पीएम मोदी और पुतिन की इस मुलाकात से ट्रंप को झटका लगना तय है। ट्रंप ने जब पुतिन से मुलाकात की थी, तब भी रूसी राष्ट्रपति ने फोन करके पीएम मोदी को इस बारे में जानकारी दी थी। ट्रंप समेत उनके सभी करीबियों को उम्मीद थी कि उनकी धमकियों से घबराकर भारत, रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा, लेकिन इसके विपरीत न सिर्फ भारत ने रूसी तेल की खरीद बढ़ा दी है, बल्कि रूस के साथ अपने संबंधों को और मज़बूत करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई है।