यूके में काम करने वाले भारतीयों के लिए वीजा जारी होने के मामलों में तेज गिरावट दर्ज की गई है। इस कटौती का सबसे अधिक असर स्वास्थ्य सेवाओं, नर्सिंग और आईटी क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों पर पड़ा है।
UK Slashes Work Visas for Indian Professionals: ब्रिटेन ने भारतीय पेशेवरों को जारी किए जाने वाले वर्क वीजा की संख्या में बड़ी कटौती की है। भारत सरकार द्वारा संसद में साझा किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, यूके में काम करने वाले भारतीयों के लिए वीजा जारी होने के आंकड़ों में तेज गिरावट दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य सेवाओं और आइटी क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों पर पड़ा है। विशेष रूप से नर्सिंग पेशे से जुड़े भारतीयों के लिए स्थिति गंभीर रही—उन्हें मिलने वाले वीजा में लगभग 79 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह संख्या घटकर 2,225 रह गई।
| क्षेत्र / पेशा | वीजा में गिरावट | नए नियमों के बाद जारी वीजा |
| स्वास्थ्य और देखभाल | 67% | 16,606 |
| नर्सिंग पेशा | 79% | 2,225 |
| आईटी / तकनीकी पेशेवर | 20% | 10,051 |
वीजा में आई इस भारी गिरावट के पीछे 22 जुलाई 2025 से लागू किए गए ब्रिटेन के नए इमिग्रेशन सुधार बताए जा रहे हैं। इन सुधारों का मकसद देश में कुल प्रवासन (नेट माइग्रेशन) को कम करना है।
लोकसभा में इस मुद्दे पर जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि ब्रिटेन के ये कदम उसकी घरेलू श्रम बाजार की जरूरतों और प्रवासन संतुलन की व्यापक नीति के अनुरूप हैं।
सिर्फ वर्क वीजा ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों से जुड़े नियमों में भी सख्ती की गई है। मई 2025 में जारी एक बड़े इमिग्रेशन व्हाइट पेपर के तहत लोकप्रिय ग्रेजुएट रूट वीजा की अवधि दो साल से घटाकर 18 महीने करने का प्रस्ताव रखा गया है। नए ढांचे में सख्त अनुपालन जांच और अंग्रेज़ी भाषा की ऊंची आवश्यकताएं भी शामिल हैं। इससे भारतीय छात्रों समेत अंतरराष्ट्रीय स्नातकों के लिए पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी हासिल करने के लिए उपलब्ध समय और लचीलापन कम हो जाएगा।
कड़े नियमों के बावजूद भारत और ब्रिटेन के बीच औपचारिक चैनलों के जरिए मोबिलिटी पर बातचीत जारी है। मई 2021 में साइन हुआ माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट अभी भी लागू है। इसके तहत यंग प्रोफेशनल्स स्कीम चल रही है, जिसमें 18 से 30 साल के भारतीय युवाओं को दो साल तक यूके में रहने और काम करने की अनुमति मिलती है। इसके अलावा, हाल ही में साइन हुआ भारत–ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता, जो फिलहाल ब्रिटिश संसद की मंजूरी का इंतजार कर रहा है, दोनों देशों के पेशेवरों की आवाजाही को आसान बनाने से जुड़े प्रावधान भी शामिल करता है।