US Airstrikes in Yemen : अमेरिकी सैन्य हमलों ने यमन की राजधानी सना और अन्य क्षेत्रों को निशाना बनाकर दर्जनों लोगों की जान ली।
US Airstrikes in Yemen: यमन की राजधानी सना पर अमेरिकी सैन्य हमलों (US airstrikes) में दर्जनों लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। हूती (Houthi rebels) मीडिया ने सोमवार को बताया कि हमलों (Yemen bombing) में शहर के आसपास कम से कम आठ लोग मारे गए, जबकि सादा के प्रवासी हिरासत केंद्र पर हमले में कम से कम 68 लोग मारे गए। अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने स्वीकार किया कि यमन में 800 से अधिक हमले किए जा चुके हैं। आधिकारिक बयान में कहा गया कि “सैकड़ों विद्रोही और कई नेता मारे गए, इसका विवरण गोपनीय रखा गया है।
स्थानीय अल महसीरा टीवी के अनुसार हवाई हमले में बच्चों और महिलाओं समेत आठ लोगों की जान चली गई। हमले में क्षतिग्रस्त घरों से चीख-पुकार के वीडियो क्लिप सामने आए।
इथियोपिया, सोमालिया व अन्य अफ्रीकी देशों के लगभग 100 प्रवासी हिरासत में थे। भयंकर मलबा हटाने के बाद रहस्यमयी मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।
यूएस का कहना है कि वे रेड सी में शिपिंग रूट्स और इजराइल पर हमले रोकने के लिए हिंद महासागर से ड्रोन व मिसाइल हमले कर रहे हैं। हूती विद्रोहियों ने हाल ही में एक अमेरिकी ड्रोन गिराने का दावा भी किया है।
जानकारी के अनुसार अमेरिकियों की ओर से परिचालन सुरक्षा का हवाला देते हुए हमलों का विस्तार व लक्ष्य विवरण छुपाया जा रहा है। मानव अधिकार समूह व संयुक्त राष्ट्र ने नागरिक हताहतों पर कड़ी चिंता जताई है।
नाकेबंदी के चलते भोजन, दवा व ईंधन की किल्लत बढ़ी गई है। घायल नागरिकों को अस्पताल पहुंचाने में रुकावट आ रही है। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ( Doctors Without Borders) ने बताया कि जलने वाले मरीजों को दर्द निवारक तक नहीं मिल पाए।
UN प्रवक्ता की चेतावनी दी है कि दोनों पक्ष संयम बरतें और मानवीय संकट गहराने से रोकें। अन्य देशों से तत्काल मध्यस्थता की अपील की गई है।
बहरहाल अमेरिकी एयर स्ट्राइक की मार ने यमन में पहले से चल रहे मानवीय संकट और विकराल बना दिया है। सादा के हिरासत केंद्र पर हुए हमले ने दुनिया को याद दिलाया कि युद्ध के नियमों का उल्लंघन कर रही किसी भी कार्रवाई का सबसे बड़ा भार आम जनता को उठाना पड़ता है।