Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की बात पहले भी अमेरिकी की तरफ से उठाई जा चुकी है। अब सीनेटर राजा कृष्णमूर्ति ने इस हिंसा को खत्म करने कि लिए हरसंभव कदम उठाए जाने को कहा है।
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में जारी हिंदुओं के खिलाफ हिंसक गतिविधियों से भारत समेत पूरी दुनिया में आक्रोश फैला हुआ है। इस मुद्दे पर अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी (Chinmoy Krishna Das) की गिरफ़्तारी और बांग्लादेश अशांति पर चिंता जताई है। उन्होंने बांग्लादेश की सरकार से मानवाधिकारों को बनाए रखने, कानूनी सुरक्षा की गारंटी देने और हिंदुओं समेत सभी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने को कहा है।
इलिनोइस कांग्रेस के सदस्य कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की सुरक्षा करने और गिरफ़्तार किए गए लोगों को कानूनी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर देकर कहा कि ‘बांग्लादेश सरकार को शांतिपूर्ण विरोध और उचित कानूनी प्रतिनिधित्व के अधिकारों सहित मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं को बनाए रखना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए।"
बता दें कि शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद ये हिंसक गतिविधियां बढ़ गईं थीं लेकिन इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद ये अशांति और ज्यादा फैल गई है। दास पर 25 अक्टूबर को चटगाँव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप है। 27 नवंबर को चटगाँव कोर्ट बिल्डिंग के बाहर उनके समर्थकों और पुलिस, सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस घटना में एक वकील की मौत हो गई थी।
इतना ही नहीं बांग्लादेश में इस्कॉन कोलकाता के मुताबिक दो और इस्कॉन संतों आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को 29 नवंबर को हिरासत में लिया गया था। जब वे हिरासत में चिन्मॉय कृष्ण दास से मिलने गए थे।