इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के मीडिया सलाहकार जोनाथन उरिच और पूर्व प्रवक्ता एली फेल्डस्टीन पर कतर से पैसा लेकर उसकी छवि सुधारने का आरोप है। उन्होंने अमेरिकी लॉबिस्ट के जरिए कतर से पैसे लिए और मीडिया में खबरें हेरफेर की।
इजराइल में इन दिनों कतरगेट विवाद राजनीतिक सुर्खियों में है। इजराइल के प्रवासी मामलों के मंत्री अमिखाई चिकली ने मामले की पूरी जांच की मांग की है। ऐसी मांग करने वाले वह वर्तमान सरकार के पहले मंत्री बन गए हैं। नेतन्याहू के इस्तीफे की भी मांग उठ रही है।
आरोप है कि इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े वरिष्ठ सहयोगियों ने एक अमेरिकी लॉबिस्ट के माध्यम से कतर से पैसा लिया। इसके बदले उन्होंने कतर की छवि को बेहतर दिखाने के लिए मीडिया नैरेटिव गढ़े, खबरों में हेरफेर की और एक प्रो-नेतन्याहू मीडिया आउटलेट के रिपोर्टर के साथ मिलकर लेखों की भाषा तक बदलवाई। आरोप नेतन्याहू के मीडिया सलाहकार जोनाथन उरिच और पूर्व प्रवक्ता एली फेल्डस्टीन पर हैं।
प्रवासी मामलों के मंत्री अमिखाई चिकली ने सार्वजनिक रूप से मामले की पूरी जांच की मांग की है। ऐसी मांग करने वाले वह वर्तमान सरकार के पहले मंत्री बन गए हैं। चिकली ने इसे चौंकाने वाला बताया और कहा, 'इस चीज का बचाव करने का कोई तरीका नहीं है। इसकी जांच आखिरी सिरे तक होनी चाहिए।'
कतरगेट के साथ ही एक और गंभीर मामला सामने आया है, जिसे बिल्ड लीक कहा जा रहा है। इसमें एली फेल्डस्टीन पर आरोप है कि उन्होंने जर्मन अखबार बिल्ड को गोपनीय सुरक्षा जानकारी लीक की, ताकि बंधकों को लेकर सरकार पर बन रहे दबाव को कम किया जा सके। फेल्डस्टीन ने यह भी दावा किया कि नेतन्याहू को इसकी जानकारी थी और बाद में उन्होंने इसे मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और राजनीतिक साजिश बताया है। उनके कार्यालय का कहना है कि जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, वे पीएम कार्यालय का हिस्सा ही नहीं थे।
पूर्व पीएम नफ्ताली बेनेट ने कहा कि यह इजराइल के इतिहास का सबसे गंभीर देशद्रोह है। यह सत्ता के ताकतवर लोगों ने किया है।