Diwali Laxmi Puja Facts: हर पूजा का अपना महत्व है। मान्यता है कि इसे विधि विधान से किया जाय तो सकारात्मकता और शुभ फल बढ़ जाते हैं। आइये जानते हैं दिवाली पूजा में इन 10 बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, यह जानना चाहिए इस दिन क्या करें और क्या न करें (deepawali puja me kya karen kya na karen) ..
Diwali Laxmi Puja Fact: दिवाली पर लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है। इस दिन की पूजा में कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, ताकि कोई गलती न हो और धन की देवी सहित सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद मिले। आइये जानते हैं दिवाली पूजा में किन 10 बातों का ध्यान रखना चाहिए …
1.दिवाली के पूजा प्रदोष काल और स्थिर लग्न में की जाती है। मान्यता अनुसार इसमें चौघड़िया का महायोग और शुभ कारक लग्न का जरूर ध्यान देना चाहिए। दिवाली पूजा लक्ष्मी कारक योग में करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है तो दूसरी ओर अच्छी और शुद्ध भावना से लक्ष्मी की पूजा से धन और समृद्धि बढ़ती है।
2. इस दिन सुबह उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर पूजा की तैयारी कर लें। पूजा के समय घर के सभी सदस्य मिलजुलकर पूजा करें। पूजा जमीन पर ऊनी आसन पर बैठकर ही करनी चाहिए।
3. पूजा के दौरान शोर-शराबा न करें और पूरा ध्यान लक्ष्मी जी के स्मरण में लगाएं, किसी अन्य गतिविधि पर ध्यान न दें। ईश्वर के लिए जलाए जाने वाले दीपक के नीचे चावल अवश्य रखने चाहिए। पूजा के दौरान कभी भी दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए।
4. तांबे के पात्र में चंदन नहीं रखना चाहिए और न ही पतला चंदन देवी-देवताओं को लगाएं।
5. पूजा के पूर्व घर आंगन को अच्छे से सजाएं, द्वार देहरी पर रंगोली जरूर बनाएं। द्वार पर वंदनवार लगाएं, नियम से उचित संख्या में दीये जगाएं और मां लक्ष्मी के पदचिह्न मुख्य द्वार पर ऐसे लगाएं कि कदम बाहर से अंदर की ओर जाते हुए प्रतीत हों।
6. घर के ईशान कोण में ही पूजा करें। पूजा के समय हमारा मुंह ईशान, पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। लक्ष्मी पूजा के समय सात मुख वाला घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।
7. लक्ष्मी पूजा के दिन किसी भी प्रकार के व्यसन जैसे जुआ आदि बुरे काम हैं, उनसे परहेज करें। मान्यता अनुसार इस दिन किसी के घर नहीं जाते, दिवाली मिलन का कार्य पड़वा के दिन करना चाहिए।
8. आरती के बाद हमेशा दोनों हाथ से उसे ग्रहण करें।
9. पूजा-पाठ बगैर आसन के नहीं करना चाहिए। साथ ही पूजा का दीपक किसी भी सूरत में न बुझे, इसका खयाल रखना चाहिए।
10. पूजा के बाद अपने आसन के नीचे दो बूंद जल डालें और उसे माथे पर लगाएं, इसके बाद ही उठें वर्ना आपकी पूजा का फल देवराज इंद्र को चला जाता है।
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