पूजा

गंगा दशहरा पर इन काम से भयंकर श्राप समेत 10 प्रकार के पाप से मिलती है मुक्ति, ज्योतिषी नीतिका शर्मा से जानें उपाय

Ganga Dussehra Ke Upay: गंगा दशहरा बड़ा पावन पर्व है, इस दिन भगीरथ के पूर्वजों के उद्धार के लिए मां गंगा का अवतरण हुआ था। स्कंद पुराण में इसका महत्व बताया गया है। इस दिन कुछ विशेष काम से 10 प्रकार के पाप समेत इस भयंकर श्राप से मुक्ति मिलती है। आइये जानते हैं ..

5 min read
Jun 03, 2025
Ganga Dussehra: गंगा दशहरा पूजा विधि (Photo Credit: Freepik)

Ganga Dussehra Par Kya Kare: ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार प्राचीन काल में राजा भगीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए मां गंगा को धरती पर लाए थे, इसी कारण गंगाजी को भागीरथी भी कहा जाता है।
मान्यता है कि गंगा मैया मन, वाणी और शरीर द्वारा होने वाले दस प्रकार के पापों (तीन प्रकार के कायिक, चार प्रकार के वाचिक और तीन प्रकार के मानसिक) का हरण करती हैं।


भगवान शिव ने बताई गंगा की महिमा, भयंकर श्राप से भी मिल जाएगी मुक्ति


ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार स्कंद पुराण में भगवान शिव द्वारा विष्णुजी को गंगा महिमा बताने का वर्णन है। इसमें भगवान शंकर श्री विष्णु से कहते हैं हे हरि ! ब्राह्मण के श्राप से भारी दुर्गति में पड़े हुए जीवों को गंगा के सिवा दूसरा कौन स्वर्गलोक में पहुंचा सकता है, क्यों कि मां गंगा शुद्ध, विद्यास्वरूपा, इच्छाज्ञान, और क्रियारूप, दैहिक, दैविक और भौतिक तापों का शमन करने वाली, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष (चारों पुरूषार्थ) को देने वाली शक्ति स्वरूपा हैं।


इसलिए इन आनंदमयी, धर्मस्वरूपिणी, जगत्धात्री, ब्रह्मस्वरूपिणी गंगा को मैं अखिल विश्व की रक्षा करने के लिए लीलापूर्वक अपने मस्तक पर धारण करता हूं। हे विष्णो! जो गंगाजी का सेवन करता है, उसने सब तीर्थों में स्नान कर लिया, सब यज्ञों की दीक्षा ले ली और सम्पूर्ण व्रतों का अनुष्ठान पूरा कर लिया।


कलियुग में काम, क्रोध, मद, लोभ, मत्सर, ईर्ष्या आदि अनेकों विकारों का समूल नाश करने में गंगा के समान और कोई नहीं है।
विधिहीन, धर्महीन, आचरणहीन मनुष्यों को भी यदि मां गंगा का सानिध्य मिल जाए तो वे भी मोह और अज्ञान के संसार सागर से पार हो जाते हैं। जैसे मन्त्रों में ॐ कार, धर्मों में अहिंसा और कमनीयता में लक्ष्मी जी श्रेष्ठ हैं और जिस प्रकार विद्याओं में आत्मविद्या और स्त्रियों में गौरीदेवी उत्तम हैं, उसी प्रकार सम्पूर्ण तीर्थों में गंगा तीर्थ विशेष माना गया है।


गंगा दशहरा का महत्व (Ganga Dussehra Importance)


मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान और दान करने से कई महायज्ञों के फल के बराबर फल की प्राप्ति होती है और पाप कर्मों का नाश होता है और व्यक्ति को मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है।


इस दिन मां गंगा की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। मां गंगा की कृपा से सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं। गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की पूजा- अर्चना करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

शास्त्र कहते हैं-'गंगे तव दर्शनात मुक्तिः' अर्थात निष्कपट भाव से गंगाजी के दर्शन मात्र से मनुष्यों को कष्टों से मुक्ति मिलती है और वहीं गंगाजल के स्पर्श से स्वर्ग की प्राप्ति होती है एवं दूर से भी श्रद्धा पूर्वक इनका स्मरण करने से मनुष्य को अनेक प्रकार के संतापों से छुटकारा मिलता है। पाठ, यज्ञ, मंत्र, होम और देवार्चन आदि समस्त शुभ कर्मों से भी जीव को वह गति नहीं मिलती,जो गंगाजल के सेवन से प्राप्त होती है।

ये भी पढ़ेंः

गंगा दशहरा पर क्या करें (Ganga Dussehra Par Kya Kare)

1.ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन गंगा स्नान से कई यज्ञ करने के बराबर पुण्य प्राप्त होते हैं।

2. गंगा दशहरा पर गंगा स्नान, जप-तप-उपासना, उपवास और दान से दस प्रकार के पाप (तीन प्रकार के कायिक, चार प्रकार के वाचिक और तीन प्रकार के मानसिक) कट जाते हैं।

3. गंगा दशहरा पर गंगा स्नान के बाद अन्न, वस्त्र के अलावा शर्बत, पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, आम. चीनी आदि चीजें दान करनी चाहिए। मान्यता है कि व्यक्ति इस दिन जिस भी चीज का दान करे उसकी संख्या 10 होनी चाहिए।

4. दशहरा के दिन दशाश्वमेध घाट पर दस प्रकार स्नान करके शिवलिंग का दस संख्या के गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और फल से पूजन कर रात्रि जागरण का अनंत फल मिलता है।

5. दशहरा स्तोत्र का पाठ करें तो सब प्रकार के पाप समूल नष्ट हो जाते हैं और दुर्लभ संपत्ति प्राप्त होती है।

गंगा दशहरा पूजा विधि (Ganga Dussehra Puja Vidhi Mantra)

1.ज्येष्ठ शुक्ला दशमी पर गंगा स्नान न कर सके तो पास के किसी भी जलाशय या घर के शुद्ध जल से स्नान करके सुवर्णादि के पात्र में त्रिनेत्र, चतुर्भुज, सर्वावयवभूषित, रत्नकुम्भधारिणी, श्वेत वस्त्रादि से सुशोभित और वर और अभयमुद्रा से युक्त श्रीगंगाजी की प्रशान्त मूर्ति अंकित करें या किसी साक्षात् मूर्ति के पास बैठ जाएं फिर निम्न मंत्र से आवाहनादि कर षोडशोपचार पूजन करें..

ॐ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः ।

2. इसके बाद इन्हीं नामों से 'नमः' के स्थान में 'स्वाहा' युक्त करके हवन करें।
ॐ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा ।।

3. इसके बाद निम्न मंत्र से पांच पुष्पांजलि अर्पण करके गंगा को भूतल पर लानेवाले भगीरथका और जहां से वे आी हैं, उस हिमालय का नाम मंत्र से पूजन करें

ॐ नमो भगवति ऐं ह्रीं श्रीं (वाक्-काम- मायामयि) हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा।

4. इसके बाद दस फल, दस दीपक और दस सेर तिल- इनका 'गङ्गायै नमः ।' कहकर दान करें, साथ ही घी मिले हुए सत्तू के और गुड़ के पिण्ड जल में डालें ।

5. सामर्थ्य हो तो सोने के कच्छप, मत्स्य और मण्डूकादि भी पूजन करके जल में डाल दें।

6. इसके अतिरिक्त 10 सेर तिल, 10 सेर जौ और 10 सेर गेहूं 10 ब्राह्मणों को दें।

7. दशहरा स्तोत्र का पाठ करें।

गंगा दशहरा के उपाय (Ganga Dussehra Ke Upay)


मान्यता है कि गंगा दशहरा उपायों से किस्मत का ताला खोल सकते हैं। आइये जानते हैं क्या उपाय करना चाहिए।

व्यापार घाटे से मिलेगी राहत (Ganga Dussehra Totka For Business)


आप लगातार आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं और व्यापार में घाटा हो रहा है या नए काम में कोई रूकावट आ रही है तो गंगा दशहरा उपाय से राहत मिल सकती है। बशर्ते नियम से ये उपाय किए जाएं। इसके लिए गंगा दशहरा के दिन साफ-सुथरे कागज में गंगा स्त्रोत लिखकर इसे पीपल के पेड़ की पूजा करने के बाद वहीं गाड़ दें।


गंगा दशहरा उपाय से भाग्य देता है साथ (Ganga Dussehra Totka For Luck)


यदि आप अपने काम में परिश्रम कर रहे हैं लेकिन उपयुक्त फल नहीं मिल रहा है तो गंगा दशहरा पर घर से दूर अनार का पौधा रोपना चाहिए चाहिए। इसके बाद मिट्टी के घड़े में गंगाजल भरकर या पानी में गंगाजल मिलाकर इस पौधे को सींचे। अब इस घड़े को पौधे के नीचे दक्षिण दिशा में ढंक कर रख दें या फिर किसी को दान दे दें। इससे आपकी मेहनत को किस्मत का साथ मिलने लगेगा।


करियर में सफलता का उपाय (Ganga Dussehra Upay For Career)


यदि नौकरी में सफलता चाह रहे हैं और आय में बढ़ोतरी की कामना है तो गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करें और गंगाज से शिव का अभिषेक कर, सूर्य देव को तांबे के पात्र से गंगाजल, कुमकुम, अक्षत, लालफूल मिलाकर अर्घ्य दें तो प्रमोशन मिलेगा और वेतन वृद्धि होगी। घर में सुख समृद्धि भी आएगी।

ये भी पढ़ेंः


घर में सुख शांति का उपाय (Ganga Dussehra Upay For Peace And Happiness)


मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन घर में गंगाजल छिड़कें और इसके बाद सुबह के समय अपनी लंबाई के बराबर काला धागा लें और नारियल पर लपेट कर गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें और नारियल वहां रख दें, शाम को इस नारियल को नदी में बहा दें। इससे घर में सुख शांति समृद्धि आएगी और जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।

इन चीजों का करें दान (Ganga Dussehra Dan)


गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान के बाद सुपारी, आम, जल से भरा घड़ा, सत्तू, मौसमी फल, गुड़ हाथ का पंखा, छाता अनार, नारियल, केला, खरबूजा का दान करें। मान्यता है कि इससे घर में धन का आगमन होता है और परेशानी से मुक्ति मिल जाती है।

Also Read
View All

अगली खबर