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सावन में रुद्राभिषेक से मिलते हैं ये 5 लाभ, जानें सबसे अच्छी डेट और कैसे करें

Rudrabhishek Benefit In Sawan 2025: शिव भक्ति को समर्पित खास महीना सावन 2025 शुरू होने वाला है। इसमें भक्त महादेव को प्रसन्न करने और समस्याओं के समाधान के लिए अनेक अनुष्ठान करते हैं। इसमें प्रमुख शिवजी का प्रमुख सावन उपाय रुद्राभिषेक होता है। आइये जानते हैं सावन में रुद्राभिषेक के 5 लाभ कौन से हैं और रुद्राभिषेक कैसे करें, शुभ डेट कौन से हैं (Rudrabhishek Kaise Kare)।

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Jul 05, 2025
Sawan 2025 Puja Shubh Tithi: सावन 2025 में रुद्राभिषेक पूजा की डेट (Photo Credit: ChatGpt)

Rudrabhishek Best Date: हिंदू सभ्यता की मान्यताओं के अनुसार श्रावण महीना आध्यात्मिक साधना के लिए उपयुक्त समय है, यह जीवन को नई दिशा देता है। मान्यता है कि इस महीने जीवन में स्थिरता, समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य और शांति के लिए रुद्राभिषेक आध्यात्मिक साधना का महत्वपूर्ण उपाय होता है।


पंचांग के अनुसार सावन 2025 की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इस महीने का समापन 9 अगस्त 2025 को होगा। इस साल सावन 2025 में 4 सोमवार पड़ेंगे, सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को होगा। वैसे तो सावन में किसी भी दिन पूजा-अर्चना का शुभ फल मिलता है। लेकिन सावन के सोमवार व्रत पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन अनुष्ठान का विशेष फल मिलता है। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध ज्योतिषी पं. मनीष तिवारी से आइये जानते हैं सावन में रुद्राभिषेक की सबसे अच्छी डेट क्या हैं।

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सावन में रुद्राभिषेक की महत्वपूर्ण तिथियां (Sawan 2025 Rudrabhishek Tithi)

पं. मनीष तिवारी के अनुसार श्रावण 2025 के प्रत्येक सोमवार को रुद्राभिषेक किया जा सकता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं, ग्रह दोष दूर करते हैं और उसको कष्टों से मुक्त करते हैं। इस साल 14 जुलाई, 21 जुलाई, 28 जुलाई और 4 अगस्त को सावन का सोमवार पड़ रहा है।

इसके अलावा मंगलवार 22 जुलाई 2025 को सावन प्रदोष के दिन रुद्राभिषेक विशेष फलदायी होगा। इसके अलावा 23 जुलाई बुधवार श्रावण शिवरात्रि, 29 जुलाई मंगलवार नाग पंचमी और 6 अगस्त बुधवार को श्रावण शुक्ल पक्ष प्रदोष के दिन रुद्राभिषेक कराना सकारात्मक फलदेने वाला होगा।

सावन में रुद्राभिषेक से मिलते हैं ये 5 विशेष लाभ (Rudrabhishek Benefit In Sawan 2025)

सावन में भक्त शिवजी की आराधना में रमे रहते हैं। मंदिर हो या घर पंचाक्षरीय शिव महा मंत्र से गूंजता हृदय अनंत ऊर्जा का संचार करता रहता है। इस समय जल, दूध, घी, शहद, दही, बेलपत्र, मदार से रुद्राभिषेक की आध्यात्मिक क्रिया और शिव जी को प्रसन्न करने के अनुष्ठान से जीवन की समस्याओं का अंत होता है और नई दिशा मिलती है।

इससे तन, मन, आत्मा की शुद्धि होती है। मान्यता है कि रुद्राभिषेक से ग्रह दोष दूर होते हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं। करियर में स्थिरता आती है, स्वास्थ्य लाभ मिलता है। जीवन से नकारात्मकता दूर होती है। बहरहाल, आइए जानते हैं सावन 2025 में रुद्राभिषेक के लाभ

सावन में रुद्राभिषेक, ग्रह दोष करता है दूर

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि आपके बनते काम बिगड़ रहे हैं या परेशानियां पीछा नहीं छोड़ रही हैं तो संभव है कि कुंडली में ग्रह दोष हो। ऐसे में सावन में रुद्राभिषेक से आपको राहत मिल सकती है। मान्यता है कि नियमानुसार सावन में रुद्राभिषेक कालसर्प दोष, पितृ दोष और या अन्य कोई ग्रह दोष हो, सभी से राहत मिलती है।

सावन में रुद्राभिषेक से मनोकामनाएं होती हैं पूरी

सावन में रुद्राभिषेक को मनोकामना पूर्ति का शक्तिशाली उपाय माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग लंबे समय से नौकरी, विवाह, संतान या सफलता की इच्छा मन में रखे हुए हैं, रुद्राभिषेक से उनकी इच्छा पूरी हो सकती है। मन को शांति भी मिलती है।

रुद्राभिषेक से आर्थिक स्थिति होती है मजबूत

कई बार लोगों को मेहनत के अनुरूप फल नहीं मिल पाता है। इसमें सच्चे मन से रुद्राभिषेक तकदीर पलटने वाला हो सकता है। रुद्राभिषेक के दौरान मंत्रों के साथ शिवलिंग पर पंचामृत और जल चढ़ाने से मानसिक बाधाएं दूर होती है और यह प्रक्रिया सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इससे आर्थिक उन्नति होती है और करियर में सकारात्मकता आने लगती है।

रुद्राभिषेक से स्वास्थ्य लाभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राभिषेक मानसिक तनाव, पुरानी बीमारियां को दूर करने में अपना प्रभाव दिखाता है। क्योंकि इनका संबंध मन से भी होता है। रुद्राभिषेक के मंत्र मानसिक संतुलन को बढ़ाते हैं, ये किसी चिकित्सा से कम नहीं है, जो रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है।

नकारात्मक ऊर्जा का खत्म करता है प्रभाव

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कभी में जीवन में ऐसी घटनाएं घटती हैं जिसकी कोई वजह नहीं समझ आती, कोई तर्क भी काम नहीं करता है। ये किसी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है। ऐसे में सावन में शिव जी का रुद्राभिषेक घर और व्यक्ति दोनों की नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती है और जीवन में सकारात्मकता लाती है।

रुद्राभिषेक कैसे करना चाहिए (Rudrabhishek Kaise Kare)

सावन के पूरे महीने में रुद्राभिषेक किया जा सकता है। लेकिन सोमवार और विशेष दिनों में रुद्राभिषेक के विशेष फल होते हैं। विशेष तिथि पर रुद्राभिषेक के लिए किसी पुरोहित से विधि विधान से रुद्राभिषेक अनुष्ठान कराना चाहिए।

इसमें कई घंटे का समय लग सकता है, लेकिन ऐसा आपके लिए किसी कारण से संभव न हो तो सावन के सोमवार के दिन या सावन की विशेष तिथियों पर शिव मंदिर में या घर पर पार्थिव शिवलिंग की स्थापना कर जल, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, चंदन, भस्म आदि से श्रद्धा और शुद्धता से रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करते हुए या पंचाक्षरीय ऊँ नमः शिवाय मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र 1 या 11 माला जाप करते हुए भगवान का अभिषेक कर सकते हैं। साथ ही विधि विधान में कमी के लिए क्षमा प्रार्थना कर लेनी चाहिए।

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