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Sawan Date 2025: इस दिन गंगाजल से शिवजी के अभिषेक से मनोकामना होती है पूरी, जानें सावन शिवरात्रि डेट, पूजा मुहूर्त और व्रत विधि

Sawan 2025 Shivratri Date: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इसमें फाल्गुन की महा शिवरात्रि जैसा ही महत्व सावन शिवरात्रि का है। आइये जानते हैं सावन शिवरात्रि डेट और शुभ मुहूर्त (Sawan Shivratri 2025 Date)

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Jun 24, 2025
sawan month: सावन शिवरात्रि में पूजा का शुभ मुहूर्त जानिए (Photo Credit: Pixabay)

Sawan Shivratri 2025 Date : हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि मिलाकर साल में 12 शिवरात्रि आती हैं। दरअसल, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन भक्त शिवजी का व्रत रखते हैं।
श्रावण माह में आने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि या श्रावण शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।

यह पूरा महीना भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए समर्पित होता है। इस दिन शिव मंदिरों में भगवान के अभिषेक के लिए बड़ी संख्या में भक्त शिवालय आते हैं। काशी विश्वनाथ, बद्रीनाथ धाम, महाकाल मंदिर आदि में पूजा-पाठ और दर्शन का आयोजन होता है। मान्यता है कि गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइये जानते हैं कब है सावन शिवरात्रि और शुभ मुहूर्त क्या है।

कब है सावन शिवरात्रि (Kab Hai Sawan Shivratri 2025)

सावन कृष्ण चतुर्दशी आरंभः 23 जुलाई को सुबह 4.39 बजे से

सावन कृष्ण चतुर्दशी समापनः 24 जुलाई को सुबह 2.28 बजे तक

सावन शिवरात्रिः बुधवार 23 जुलाई 2025

निशिता पूजा का सबसे महत्वपूर्ण समयः 23 जुलाई की देर रात 12:13 बजे से 12:54 बजे तक (यानी 24 जुलाई सुबह 42 मिनट तक)

सावन शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त (Sawan Shivratri 2025 Puja Ka Subh Muhurat)

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समयः 23 जुलाई को शाम 07:20 बजे से रात 09:57 बजे तक

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समयः रात 09:57 बजे से रात 12:33 बजे तक (यानी 24 जुलाई सुबह)

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समयः रात 12:33 बजे से देर रात 03:10 बजे तक (यानी 24 जुलाई 2025 को)

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समयः 24 जुलाई को सुबह 03:10 बजे से सुबह 05:47 बजे तक

शिवरात्रि पारण समयः 24 जुलाई को सुबह 05:47 बजे तक

सावन शिवरात्रि व्रत विधि (Sawan Shivratri 2025 Vrat Vidhi)

1.शिवरात्रि के एक दिन पहले यानी त्रयोदशी तिथि के दिन भक्तों को केवल एक समय ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।

2. शिवरात्रि के दिन सुबह नित्य कर्म करने के बाद भक्त गणों को पूरे दिन के व्रत का संकल्प लेना चाहिए। संकल्प के दौरान भक्तों को मन ही मन अपनी प्रतिज्ञा दोहरानी चाहिए और भगवान शिव से व्रत को निर्विघ्न पूरा करने के लिए आशीर्वाद मांगना चाहिए।

3. शिवरात्रि के दिन भक्तों को संध्याकाल स्नान करने के बाद भी पूजा करनी चाहिए।

4. इसके बाद भगवान की निशिता पूजा भी करना चाहिए और अगले दिन स्नान आदि के बाद अपना व्रत तोड़ना चाहिए।

5. व्रत का पूर्ण फल पाने के लिए भक्तों को सूर्योदय और चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य के समय में ही व्रत का समापन करना चाहिए।

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