Shri Ram Mantra: हर साल चैत्र शुक्ल नवमी यानी राम नवमी पर भक्त भगवान विष्णु के 7वें अवतार भगवान राम का जन्मोत्सव मनाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। इसके लिए आइये जानते हैं भगवान राम के मंत्र और आरती (Aarti in Ram Navami Puja) ..
Aarti in Ram Navami Puja: राम नवमी पर हम आपको भगवान राम के मूलमंत्र समेत 5 खास मंत्र बता रहे हैं, जिनके जप से अलग-अलग फल मिलते हैं। आइये जानते हैं अर्थ सहित श्रीराम मंत्र और आरती (Shri Ram Mantra Aarti)
ॐ श्री रामाय नमः॥
अर्थः किसी भी देवता के मूल मंत्र को समस्त मंत्रों में अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। यह मंत्र विशेष रूप से उस देवता की यंत्र साधना के लिए विशेष प्रभावी माना जाता है। इसका अर्थ है कि प्रसन्नता, आंतरिक शांति और संतुलन के दाता भगवान श्रीराम को नमस्कार है। आपकी उज्ज्वल तीव्र ऊर्जा, आंतरिक ध्यान और व्यक्तिगत अखंडता मेरे भीतर निवास करे, ऐसी मेरी प्रार्थना है।
श्री राम जय राम जय जय राम॥
तारक मंत्र की विशेषताः श्री राम तारक मंत्र भक्तों के मध्य अत्यंत लोकप्रिय है। यह तारक मंत्र 13 अक्षरों वाला है। मान्यताओं के अनुसार तारक मंत्र अपने नाम के अनुरूप ही परिणाम देने वाला है। इसलिए तारक मंत्र का जाप करने से व्यक्ति जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है यानी तर जाता है।
सर्वप्रथम भगवान शिव ने देवी पार्वती को तारक मंत्र का उपदेश दिया था। अपनी अर्धांगिनी को तारक मंत्र प्रदान करते समय भगवान शिव ने कहा था कि तारक मंत्र का जाप विष्णु सहस्रनाम, अर्थात भगवान विष्णु के 1000 नामों के जाप के समान है।
इस मंत्र में श्री का आशय, शक्ति अथवा देवी सीता से है। रा कर्मों को भस्म करने वाली अग्नि का प्रतीक है। म शब्द जल का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका अर्थ है वह शांति जो समस्त बुद्धि-विवेक से परे है। जय का अर्थ है, देह पर आत्मा की विजय।
इस प्रकार मंत्र का अर्थ हुआ शक्ति सहित ईश्वर की जय हो, अर्थात ईश्वर की जय हो।
ॐ दशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥
राम गायत्री मंत्र की विशेषताः राम गायत्री मंत्र भगवान राम के सर्वाधिक लोकप्रिय मंत्रों में से एक है। देव पूजा में अधिकांश देवी-देवताओं की स्तुति उनके अपने गायत्री मंत्र से की जाती है। भगवान राम गायत्री मंत्र सर्वाधिक लोकप्रिय गायत्री मंत्र का एक अन्य रूप है।
ॐ, मैं दशरथ, अर्थात् जिनके पास दस रथ हैं, के पुत्र का ध्यान करता हूं, हे सीतापति, मुझे उच्च बुद्धि प्रदान करो, हे भगवान राम! मेरे मन को प्रकाशित करो।
ॐ आपदामपहर्तारम् दाताराम् सर्वसम्पदाम्।
लोकाभिरामम् श्रीरामम् भूयो-भूयो नमाम्यहम्॥
मैं उन भगवान श्री राम को बारम्बार प्रणाम करता हूं, जो संसार में सर्वाधिक सुंदर हैं, जो दुःखों को दूर करते हैं तथा भक्तों को धन-सम्पदा प्रदान करते हैं।
श्री राम जय राम कोदण्ड राम॥
कोदण्ड राम मंत्र, भगवान राम को समर्पित दिव्य मंत्र है। भगवान राम का यह मंत्र दक्षिण भारतीय राज्यों में अत्यधिक लोकप्रिय है। दक्षिण भारत में भगवान राम के कई मंदिर हैं जिन्हें कोदंड राम मंदिर कहा जाता है। इन मंदिरों में भगवान राम के राज्याभिषिक्त मुकुटधारी रूप अर्थात् भगवान राम के अयोध्या के राजा के रूप में पूजा-अर्चना की जाती है।
बन्दौं रघुपति करुना निधान।
जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥
रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस।
सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥
निज भक्त-हृदय पाथोज-भृन्ग।
लावन्यबपुष अगनित अनन्ग॥
अति प्रबल मोह-तम-मारतण्ड।
अग्यान-गहन- पावक-प्रचण्ड॥
अभिमान-सिन्धु-कुम्भज उदार।
सुररंजन, भंजन भूमिभार॥
रागादि- सर्पगन पन्नगारि।
कन्दर्प-नाग-मृगपति, मुरारि॥
भव-जलधि-पोत चरनारबिन्द।
जानकी-रवन आनन्द कन्द॥
हनुमन्त प्रेम बापी मराल।
निष्काम कामधुक गो दयाल॥
त्रैलोक-तिलक, गुनगहन राम।
कह तुलसिदास बिश्राम-धाम॥