जानकारी के मुताबिक, चीन में इस बांध को यारलुंग त्सांग्पो के नाम से जाना जाता है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने घोषणा किया है कि वह ब्रह्मपुत्र नदी के निचले इलाके में यह बांध बनाएगा, जो कि भारत की सीमा के बेहद नजदीक है।
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इस बांध के निर्माण से भारत-चीन के बीच फिर से विवाद गहरा सकता है। चूंकि चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है और कई बार घुसपैठ करने की कोशिश कर चुका है।
नया बांध बनने से भारत-चीन में बढ़ सकता है तनाव
बता दें कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर नया डैम बनाने की योजना बना रहा है। यह नया डैम चीन के थ्री जॉर्ज डैम के बराबर होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन के इस नई परियोजना से भारत के साथ विवाद बढ़ सकता है।
चूंकि चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना अधिकार जताता है और भारत चीन के दावे को खारिज करता रहा है। ऐसे में चीन इस बांध के जरिए भारत पर रणनीतिक दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकता है। फिलहाल इस परियोजना को लेकर चीन ने कोई बजट जारी नहीं किया है।
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गौरतलब है कि चीन की सरकार पहले ही इस नदी पर लगभग 11 छोटे-बड़े बांध बना चुकी है। इतना ही नहीं, पिछले एक दशक से चीन इस नदी के ऊपर कम से कम 11 पनबिजली परियोजनाएं संचालित कर रहा है। इनमें से सबसे बड़ी परियोजना का नाम जंगमू है। जंगमू परियोजना पर 2015 से तेज गति से काम चल रहा है।