अमरीकी वैज्ञानिकों ने दिखाया, इतनी आसानी से हैक हो जाती है ईवीएम खबरों के अनुसार- सादिक को यहां तक पहुंचने में प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के साथ काम करने का लाभ मिला। दरअसल, जिस सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया था, वहां उनके विरोधी ने ‘बच्चा’ कहकर उन्हें चिढ़ाया था। इस पर सादिक परेशान नहीं हुए, बल्कि विनम्रता से इसके जवाब में उन्हें ‘थैंक्यू’ लिखा और कहा कि- वह हमेशा बच्चा ही बने रहना चाहते हैं।
जब से उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, वे चर्चा में आ गए हैं। वे अपने स्तर पर लोगों में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ा रहे हैं। खास बात यह है कि उन्होंने वोटिंग की उम्र कम कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- अब मलेशिया की राजनीति में सादिक को बड़े-बड़े नेता भी गंभीरता से लेने लगे हैं।
ब्राजील चुनाव: बोलसोनरों ने पहले दौर के चुनाव में आसान जीत मीडिया से बातचीत में सादिक अपनी दिनचर्या के बारे में भी बताते हैं। कहते हैं- सोमवार से शुक्रवार तक सरकारी कामों का शेड्यूल रहता है। शुक्रवार की शाम को मैं पुतराजाया (मलेशिया की प्रशासनिक राजधानी) से दो घंटे की ड्राइव कर अपने क्षेत्र मौर आता हूं। ये मेरा क्षेत्र है। यहां के लोगों की समस्याएं सुनकर उन्हें दूर करना मेरी प्राथमिकता है। मैं ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को अपने क्षेत्र में लाता हूं ताकि वे वहां पर निवेश करें। इससे क्षेत्र का विकास तो होगा ही, यहां के लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।