वहीं आम आदमी भी अब तक इन चुनावों में जीत को लेकर केवल कयास ही लगा पा रहा है। ऐसे में देश के विभिन्न नामचीन ज्योतिष के जानकार लोगों ने ग्रहों की दशा दिशा को देखते हुए विभिन्न राज्यों में पार्टियो की जीत को लेकर संभावनाएं व्यक्त की हैं। इनके अनुसार किस प्रदेश में कौन सी पार्टी अन्य दलों पर भारी पड़ती दिख रही है इसके कारणों के भी बारे मे बताया गया है।
एक ओर जहां उत्तराखंड में मुख्य रूप से भाजपा,कांग्रेस व आप में मुख्य लड़ाई है वहीं कुछ क्षेत्रिय दल भी इस धमासान में कुदे हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में भाजपा की वापसी को लेकर किए जा रहे तमाम दावें ग्रहों की नजर में कमजोर दिख रहे हैं।

ज्योतिष के जानकार पंडित एके शुक्ला के अनुसार जहां तक उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो यहां का मुकाबला मुख्य रूप से तो भाजपा व सपा का है, लेकिन इनके बीच में कांग्रेस व बसपा को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। वहीं कुछ छोटे दल भी मैदान में हैं, जो समीकरणों को प्रभावित करेंगे। ऐसे मे प्रदेश मे एक बार फिर भाजपा की वापसी को लेकर तमाम दावे हैं तो वहीं भाजपा को सरकार से बाहर किए जाने के भी अनेक दावे सामने आ रहे हैं। ऐसे में ग्रहों की दशा उत्तर प्रदेश के मध्य में स्थित होती दिख रही है यानि उत्तर प्रदेश के मध्य की स्थिति ही सरकारों के रहने या हटा दिए जाने का निर्णय करती हुई दिख रहीं हैं।
इसके अलावा जहां पंजाब की बात की जाए तो यहां भाजपा,कांग्रेस, आप व अकाली दल जैसी पार्टियां मैदान में हैं। वहीं यहां कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसका कारण ये है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब के समीकरणों को अत्यधिक प्रभावित करती दिख रही है। ऐसे में यहां कांग्रेस की वापसी काफी कठिनाइयों में है। यहां मुख्य रूप से आप और भाजपा के मध्य मुकाबला होने की संभावना है।

चुनाव 2022 पर ज्योतिष आंकलन: ग्रहों की दशा व दिशा पर —
1. उत्तराखंड
देवभूमि उत्तराखंड में ग्रहों की दशा व दिशा मुख्य रूप से आप पार्टी चुनावी समीकरणों को बदलती दिख रही है। वहीं कांग्रेस को भी इस चुनाव में पूर्व की अपेक्षा लाभ का नक्षत्र संकेत दे रहे है। जहां तक भाजपा की बात है तो ये चुनाव में कड़ी चुनौती तो पेश करेगी, लेकिन यहां जीत में केवल प्रधानमंत्री मोदी के ही ग्रह प्रभावी दिख रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी की सभाएं और वादे ही भाजपा को वापस सत्ता में काबिज कराते दिख रहे हैं। जबकि आप इस चुनाव को बुरी तरह से प्रभावित करेगी हैं। इसके साथ ही भाजपा की जीत में किसी दूसरी पार्टी के एक बड़े नेता का एक भद्दा बयान मददगार रहेगा। मोदी की एंट्री भाजपा को वापसी कराने में सफल रहेगी। भाजपा के जीते नेताओं की संख्या में पूर्व की अपेक्षा कमी आएगी।
2. उत्तर प्रदेश मे कड़ा मुकाबला : योगी की विजय की चर्चा के बीच ये स्थिति दिला सकती है अखिलेश को जीत!
जानकारों की माने तो यूपी चुनावों में मुकाबला काफी कड़ा रहने वाला है। वहीं योगी आदित्यनाथ के पुन: मुख्यमंत्री बनने को लेकर केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा का दौर चल रहा है। ज्योतिष के जानकार जहां योगी के ग्रहों व नक्षत्र को प्रबल मानते हुए उनके सत्ता में वापसी के योग बता रहे हैं।
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इसका समर्थन वे केतु की महादशा में चंद्र के प्रत्यंतर को बता रहे हैं। जबकि ज्योतिष के जानकार पंडित शुक्ला के अनुसार उत्तर प्रदेश का चुनावी रिजल्ट उत्तर प्रदेश का मध्य भाग डिसाइड करेगा।
योगी आदित्यनाथ के योग
चुनाव के समय योगी का राजयोग का समय रहेगा। वहीं योगी की कुंडली में कुलदीपक योग होने के साथ ही बुधादित्य राजयोग भी है। ऐसा समय योगी के लिए उत्तम काल की भांति है।
पंडित शुक्ला अनुसार ये सच है कि योग व भाजपा की कुंडली सत्ता में वापसी के प्रमुख दावेदार हैं। लेकिन अखिलेश के ग्रह भी इस समय काफी मजबूत स्थिति में हैं, ऐसे में अखिलेश जोड़ तोड़ की राजनीति को हवा देकर सत्ता पाना चाह सकते हैं, लेकिन शुक्र की स्थिति के कारण यदि अखिलेश धर्म की राह को पकड़ेंगे, तो काफी हद तक मुमकिन है कि कुछ परिस्थितियों में वे लोगों व पार्टियों से जुड़ कर भाजपा से मजबूत हो कर उभर सकते हैं। लेकिन धर्म का साथ लिए बगैर उनका भाजपा पर जीत दर्ज करना शुक्र संभव होता नहीं दिखा रहा है। वहीं ग्रहों की दशा दिशा के अनुसार कांगेस के लिए ये चुनाव काफी नुकसानदायक रहेगा।

3. पंजाब
पंजाब की सियासत में सरकार किसी के समर्थन या जोड़ तोड़ से बनती दिख रही है। ग्रहों की दृष्टि पूरा बहुमत एक ही पार्टी को देती नहीं दिख रही हैं। कांग्रेस में जल्द ही भगदड़ मचेगी,साथ ही कांग्रेस का वोट शेयर गिरेगा। यहां आप पार्टी की मजबूती कांग्रेस व भाजपा दोनों पर कुछ हद तक भारी पड़ सकती है। ग्रहों व नक्षत्रों की चाल के आंकलन के हिसाब से किसी एक पार्टी को सत्ता के काफी करीब तक की संख्या में जीत मिलने के आसार हैं। लेकिन सरकार बनाने के लिए उसे भी किसी की मदद लेनी होगी। किसानों का दल (SKN) पंजाब का चुनावी समीकरण बुरी तरह से प्रभावित करेगा। किसी को भी पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति बनेगी ऐसे में सरकार बनाने के लिए चुनाव के बाद में गठबंधन संभव है।