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Durga Puja Utsav: पंचक में नवरात्रि की शुरुआत का क्या होगा असर, जानें हानि या लाभ

हिंदू धर्म में नवरात्रि (दो गुप्त नवरात्रि और दो प्रत्यक्ष वासंतिक (चैत्र) नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि) का विशेष महत्व है, इन नौ दिनों में माता आदिशक्ति के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। भारतीय इस समय को बेहद शुभ मानते हैं और पूजा अर्चना कर दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja Utsav) मनाते हैं। मान्यता है कि इसे माता भक्तों की रक्षा करेंगी, उन्हें सुख समृद्धि देंगी और संकट से उबारेंगी। अब चैत्र नवरात्रि 2023 शुरू होने में एक दिन ही बाकी हैं, 22 मार्च से नवरात्रि कलश स्थापना कर माता की पूजा की जाएगी, लेकिन इन दिनों पंचक चल रहा है (जिसे शुभ समय नहीं मानते), जिसका समापन 23 मार्च को होगा तो आइये जानते हैं कि पंचक में नवरात्रि (Navratri in Panchak) शुरू होने का क्या असर होगा।

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Pravin Pandey

Mar 21, 2023

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navratri in panchak

कब से लगा है पंचकः ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में रहता है तब उस समय पंचक योग लगता है, वहीं घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती नक्षत्र पर चंद्रमा गोचर करता है तो पंचक लगता है, इसकी अवधि लगभग पांच दिन होती है। यह समय ज्योतिष में शुभ नहीं माना जाता।
फिलहाल 19 मार्च को 11.17 बजे से पंचक लगा हुआ है, इसका समापन 23 मार्च गुरुवार दोपहर 2.08 बजे हो रहा है। इसी बीच 22 मार्च बुधवार को चैत्र नवरात्रि 2023 की शुरुआत हो रही है।

पंचक से पांच गुना लाभः ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भगवान की पूजा किसी समय की जा सकती है, खासतौर पर खराब समय में जब इंसान के लिए मुश्किल घड़ी हो और खुद को भूलकर ईश्वर की आराधना में तल्लीन होता है तो यह पूजा और कल्याणकारी हो जाती है। वैसे भी कोई भी बुरा समय माता आदिशक्ति और उनकी कृपा पाने वाले भक्त को प्रभावित नहीं कर सकता है। मां अशुभ प्रभाव खत्म करने वाली और काल के लिए महाकाली हैं। वहीं, पंचक काल पूजा अर्चना के लिए शुभ माना जाता है।

इसलिए नव दुर्गा पूजा में पंचक लाभकारी ही होगा। माना जाता है कि पंचक में हानि-लाभ, व्याधि-मरण पांच गुना हो जाते हैं। इस तरह इस समय पूजा का पुण्यफल भी पांच गुना मिलेगा।

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चैत्र नवरात्रि पर बन रहे शुभ योगः इस बार चैत्र नवरात्रि 2023 पर पहले दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, इससे इस समय में घटस्थापना लाभदायक और उन्नतिकारक है और शेर की सवारी करने वाली माता के नौका से धरती पर आने से यह नवरात्रि बेहद कल्याणकारी है।


इसके अलावा नवरात्रि के पहले दिन 110 साल में पहली बार एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसी दिन चार ग्रह मीन राशि में गोचर करेंगे। इसके अलावा इस समय गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, हंस योग,शश योग, धर्मात्मा और राज लक्षण योग जैसे दुर्लभ योग बन रहे हैं। इससे नवरात्रि पूजा विशिष्ट फलदेने वाली है।

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नवरात्रि पर योग

इसके अलावा इस दिन 21 मार्च रात 12.42 बजे से 22 मार्च को सुबह 9.18 बजे तक शुक्ल योग बन रहा है। इस योग में किए गए कार्यों में निश्चित रूप से सफलता मिलती है। यानी जिस इच्छा की पूर्ति की कामना से पूजा की जाएगी, वह जरूर पूरी होगी। इसके अलावा सुबह 9.18 बजे से शाम 6.16 बजे के बीच ब्रह्म योग बन रहा है, इस समय में विवाद आदि सुलझाना अच्छा माना जाता है।


पंचक के उपाय

पंचक में विशेष कार्य करने, दक्षिण दिशा में यात्रा, प्रेतादि दाह संस्कार करना, लकड़ी, तिनके तोड़ना, पीतल, तांबा और लकड़ी का संचय करना, मकान की छत डालना, चारपाई, कुर्सी, चटाई बुनना, गद्दियां बनाना वर्जित है। हालांकि धर्म ग्रंथों में पंचक के उपाय बताए गए हैं, जो इसके दुष्प्रभावों को खत्म करते हैं। खासतौर से पंचक में किसी व्यक्ति की मृत्यु पर उसके परिवार के लोगों को अंतिम संस्कार के समय चंदन की पांच लकड़ी को शव के साथ पूरे विधि विधान से जलाना चाहिए, इससे पंचक दोष दूर हो जाता है।