
गजकेसरी योग जून 2024
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अभी गुरु बृहस्पति वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं और गुरु के गोचर काल में कई ग्रहों के साथ उनकी युति होने वाली है। फिलहाल 14 जून को सुबह 11.54 बजे चंद्रमा कन्या राशि में प्रवेश करेगा और इस पर वृषभ राशि में गोचर कर रहे गुरु की शुभ दृष्टि पड़ेगी। इसके कारण गजकेसरी राज योग बनेगा। हालांकि इसकी अवधि बहुत छोटी होगी, क्योंकि चंद्रमा करीब ढाई दिन में ही गोचर कर देता है। 16 जून को चंद्रमा अपनी स्थिति बदल देंगे। बहरहाल, 14 जून को गुरु और चंद्रमा के कारण बन रहा गजकेसरी योग अत्यंत शुभ योग है और इसके प्रभाव से कई तरह की खुशियां घर में दस्तक दे सकती हैं। विशेष यह है कि गजकेसरी योग से 3 राशि के लोगों को विशेष लाभ मिलेगा।
ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार गजकेसरी योग के कारण कर्क राशि वालों को इस समय भाग्य का साथ मिलेगा। आप नए काम को पूरे जोश और उत्साह के साथ पूरा करेंगे। आप पूरे मन से काम करेंगे और आपको काम में सफलता भी मिलेगी। आपके भाई-बहनों के साथ रिश्ते बी मजबूत होंगे। इस समय आप अपने करियर के संबंध में सही निर्णय ले पाएंगे और मन की उलझन खत्म होगी। ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने से आपको सफलता मिल सकती है। हायर एजुकेशन पाने की इच्छा है तो आपको विदेश जाने का मौका मिल सकता है। आपके लिए तीर्थयात्रा के योग भी बन रहे हैं।
मिथुन राशि वालों के लिए भी यह समय बहुत शुभ फल देने वाला है। इस समय मिथुन राशि वालों की सुख-सुविधा के साधनों में वृद्धि होगी। इस समय आपका मानसिक तनाव भी कम हो सकता है। परिवार में सुख-शांति का माहौल रहेगा। यदि प्रॉपर्टी को लेकर कोई विवाद चल रहा है तो इस समय खत्म हो सकता है। यदि आप अपने लिए घर या वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इस समय मनोकामना पूरी हो सकती है। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में आपके उच्च अधिकारी आपसे प्रसन्न होंगे।
धनु राशि वालों के लिए भी गजकेसरी योग शुभ फल देगा। इस समय धनु राशि वालों को सभी प्रकार के भौतिक सुख मिलेंगे। नौकरीपेशा लोगों के लिए यह समय अच्छा है। करियर में उन्नति पाने के लिए आप जो भी प्रयास कर रहे हैं उसमें आपको सफलता मिलेगी। आप कोई नया काम भी इस समय शुरू कर सकते हैं। गजकेसरी योग धनु राशिवालों को मान-सम्मान भी दिलाएगा। साथ ही कार्यक्षेत्र में उच्च अधिकारियों से अच्छे संबंध बनेंगे। सरकार की तरफ से धन लाभ भी हो सकता है। व्यापारियों के लिए भी यह लाभ का समय है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब गुरु चंद्रमा से केंद्र स्थान यानी पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में हों तो इस स्थिति में गजकेसरी योग बनता है। कुंडली में केंद्र को सबसे शक्तिशाली स्थिति माना जाता है। अगर केंद्र मजबूत हो तो जातक शत्रु पर भी विजय प्राप्त करता है और सभी अड़चनों को पार करने में सफल होता है।
अगर गुरु और चंद्रमा की कर्क राशि में युति हो और कोई अशुभ दृष्टि न पड़ रही हो तो इसे सबसे शक्तिशाली गजकेसरी योग माना जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। वहीं अगर चंद्रमा और गुरु केंद्र भाव में हों और इनकी एक-दूसरे पर दृष्टि पड़ रही हो तो इस स्थिति में शुभ गजकेसरी योग बनता है। यदि गुरु की चंद्रमा पर पंचम, सप्तम और नवम भाव से दृष्टि पड़ रही हो तो जातक को अपार संपत्ति मिलती है।
Updated on:
14 Jun 2024 03:36 pm
Published on:
14 Jun 2024 03:35 pm
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