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भारतीय संस्कृति में हर शुभ कार्य से पहले उसके लिए शुभ मुहूर्त को देखा जाता है। जिसके बाद शुभ कार्य के लिए मुहूर्त के आधार पर ही तिथि और समय को निकाला जाता है। इसी के चलते आज हम आपको सोमवार, 28 अगस्त 2023 के दिन निर्मित हो रहे विभिन शुभ मुहूर्तों के साथ ही अशुभ समय के बारे में भी बता रहे हैं।
दरअसल हिन्दू पंचांग के हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की तिथियों को मिलाकर कल 30 तिथि होती हैं। ऐसे में समझते हैं कि आखिर ज्योतिष मेें शुभ मुहूर्त क्यों जरूरी है, और सोमवार, 28 अगस्त को किस किस समय का खास ध्यान रखना है। इस संंबंध में ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि ग्रहों और नक्षत्रों की चाल से हमारे हर कार्य पर अच्छा या बुरा प्रभाव डालती हैं। ऐसे में जहां अनेक बार अत्यधिक परिश्रम के बादवजूद हमें सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हो पातेे हैं, वहीं कई बार कम प्रयासो के बावजूद हमें सकारात्मक परिणाम के फलस्वरूप विजय प्राप्त हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसका कारण है - ग्रहों की स्थिति कि वे अनुकूल हैं या अनुकूल नहीं। इसी कारण ज्योतिष के अनुसार हर मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखने की बात कही जाती हैं।
वहीं हिंदू पंचांग में तिथियों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसे में भारतीय ज्योतिष शास्त्र के तहत हिंदू पंचांग इस तरह से बना है कि प्रत्येक तिथि पर एक विशेष देवी या देवता की पूजा की जाती है। जिसके कारण इन तिथियों पर शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता ही नहीं होती। दरअसल ज्योतिष शास्त्र की मुहूर्त किसी भी मांगलिक कार्य को शुरु करने का ऐसा शुभ समय होता है जिसमें सभी ग्रह और नक्षत्र शुभ और सकारात्मक परिणाम देने की स्थिति में होते हैं। ग्रहों की यहीं दशा इस शुभ समय में कार्य शुरू करने से सफलता प्रदान तो करती ही है साथ ही काम में आने वाली अड़चनों को भी दूर कर देती हैं।
सोमवार, 28 अगस्त का पंचांग-
वार- सोमवार, 28 अगस्त 2023
तिथि- द्वादशी 06:22 PM तक उसके बाद त्रयोदशी
नक्षत्र- उत्तराषाढा 02:43 AM, Aug 29 तक
पक्ष- शुक्ल पक्ष
माह- श्रावण
सूर्योदय- 05:37 AM
सूर्यास्त- 06:21 PM
चंद्रोदय- 04:29 PM
चन्द्रास्त- 03:15 AM, अगस्त 29
सोमवार, 28 अगस्त 2023 के विशेष योग -
सर्वार्थ सिद्धि योग- 02:43 AM, अगस्त 29 से 05:37 AM, अगस्त 29
- वार और नक्षत्र के संयोग को सर्वार्थ सिद्धि योग कहते हैं। यह योग विशेष वारों को पड़ने वाले विशेष नक्षत्रों के संयोग से बनता होता है। सोमवार के दिन यदि रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा और श्रवण नक्षत्र हो तो इसका ज्यादा प्रभाव होता है। वही यदि यह योग गुरुवार और शुक्रवार के दिन बनता है तो इस दिन कोई भी तिथि क्यों न हो, यह योग नष्ट नहीं होता है। लेकिन, कुछ विशेष तिथियों में यह योग अपवाद बन जाता है।
रवि योग- 02:43 AM, अगस्त 29 से 05:37 AM, अगस्त 29
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सोमवार, 28 अगस्त 2023 के शुभ मुहूर्त-
अभिजीत मुहूर्त- 11:34 AM से 12:25 PM
- मान्यता है कि इस समय कोई भी कार्य करने पर विजय प्राप्त होती है।
क्या करें इस मुहूर्त में - इस मुहूर्त में किए जाने वाले सभी कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को विजय प्राप्त होती है। अतत्न इस मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। सभी शुभ कार्य जैसे किसी विशेष कार्य से यात्रा करना, किसी नए कार्य को प्रारम्भ करना, व्यापार प्रारम्भ करना, धन संग्रह करना या पूजा का प्रारम्भ करना आदि।
यह मुहूर्त प्रत्येक दिन में आने वाला एक ऐसा समय है जिसमें आप लगभग सभी शुभ कर्म कर सकते हैं। सामान्य शुभ कार्य के लिए तो यह अत्यंत उत्तम है, परन्तु मांगलिक कार्य तथा ग्रह प्रवेश जैसे प्रमुख कार्यों के लिए और भी योगों को देखा जाना चाहिए। अभिजीत मुहूर्त में दक्षिण दिशा की यात्रा को निषेध माना गया है। साथ ही बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
अमृत काल मुहूर्त- 09:00 PM से 10:25 PM
- अमृत-जीव मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ होते हैं य ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पच्चीस नाडियां पूर्व, यानि लगभग दो घंटे पूर्व होता है। यह समय योग साधना और ध्यान लगाने के लिये सर्वोत्तम कहा गया है।
विजय मुहूर्त- 02:07 PM से 02:58 PM
- इस मुहूर्त में कार्य करने से सफलता मिलती है।
गोधूलि मुहूर्त- 06:09 PM से 06:33 PM
सायाह्न संध्या मुहूर्त- 06:21 PM से 07:29 PM
निशिता मुहूर्त- 11:37 PM से 12:22 AM, अगस्त 29
ब्रह्म मुहूर्त- 04:07 AM से 04:52 AM
प्रातः संध्या- 04:29 AM से 05:37 AM
सोमवार, 28 अगस्त 2023 के अशुभ समय-
दुष्टमुहूर्त- 12:24:39 से 13:15:39 तक, 14:57:38 से 15:48:38 तक
कालवेला / अर्द्धयाम- 09:51:39 से 10:42:39 तक
कुलिक- 14:57:38 से 15:48:38 तक
यमघण्ट- 11:33:39 से 12:24:39 तक
कंटक- 08:09:40 से 09:00:40 तक
यमगण्ड- 10:23:32 से 11:59:09 तक
राहुकाल- 07:12:18 से 08:47:55 तक
गुलिक काल- 13:34:46 से 15:10:23 तक
भद्रा- कोई नहीं है।
गण्ड मूल- कोई नहीं है।
Published on:
27 Aug 2023 10:47 am
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