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Makar Sankranti Astrology: बाघ है मकर संक्रांति की सवारी, होंगे 5 तरह के दुष्प्रभाव

Makar Sankranti Astrology: मकर संक्रांति का सामाजिक महत्व के साथ ज्योतिषीय महत्व भी है। इसके अनुसार मकर संक्रांति बाघ की सवारी पर आ रही है, जिसके काफी नुकसान हो सकते हैं। आइये जानते हैं इस बार मकर संक्रांति का प्रभाव क्या पड़ेगा ..

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Makar Sankranti Astrology

Makar Sankranti Astrology: मकर संक्रांति 2025 का प्रभाव

Makar Sankranti Astrology: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य हर महीने अपनी राशि बदलती हैं, इसे संक्रांति कहते हैं। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो यह घटना मकर संक्रांति कही जाती है। इसी दिन से सूर्य उत्तरायण होने लगते हैं और खरमास खत्म हो जाता है। इसी दिन से खरमास में बंद शुभ कार्यों की धार्मिक रोक हट जाती है।


मकर संक्रांति का ज्योतिष में भी महत्व है। माना जाता है कि जिस सवारी से मकर संक्रांति आती है, उसी अनुरूप फल मिलते हैं। ज्योतिषियों का मानना है इस साल बालव करण संक्रांति के साथ मकर संक्रांति का वाहन बाघ है। ऐसे में आइये जानते हैं मकर संक्रांति का प्रभाव क्या होगा ..


मकर संक्रांति 2025 का ज्योतिषीय प्रभाव (Makar Sankranti 2025 Astrology)

1.पं. शिवम तिवारी के अनुसार चोरों के लिए यह संक्रांति अच्छी है।

2. वस्तुओं की लागत सामान्य होगी।

3. देश दुनिया में भय और चिंता का माहौल रहेगा।

4. लोग खांसी और सर्दी से पीड़ित रहेंगे।

5. राष्ट्रों के बीच संघर्ष होगा और बारिश के अभाव में अकाल की आशंका बनेगी।

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कब है मकर संक्रांति 2025 (kab hai makar sankranti 2025)

पंचांग के अनुसार 14 जनवरी 2025 को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे और संक्रांति का क्षण 9.03 बजे है। इस तरह मकर संक्रांति मंगलवार 14 जनवरी को है। इस दिन मकर संक्रांति के पुण्यकाल में स्नान दान, पूजा पाठ करना शुभ फलदायक होता है और मकर संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 9.03 बजे से शाम 6.07 बजे यानी 9 घंटे 04 मिनट है।

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जबकि स्नान दान का सबसे शुभ समय मकर संक्रांति का महापुण्यकाल 1 घंटा 48 मिनट का है। इस दिन महापुण्यकाल सुबह 9.03 बजे से सुबह 10.51 बजे तक है।