
वैसे तो हर बार देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक चार माह भगवान विश्राम करते हैं, लेकिन इस बार अधिकमास के कारण चार नहीं पांच माह तक भगवान विश्राम करेंगे, इस दौरान शादी, ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्य भी बंद रहेंगे।
आने वाले पांच महीने भगवान की साधना, आराधना के लिए काफी खास रहेंगे। आमतौर पर देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक चार माह तक भगवान विष्णु विश्राम करते हैं, लेकिन इस बार अधिकमास होने के कारण भगवान चार के बजाय पांच माह विश्राम करेंगे। अधिकमास और चातुर्मास में श्रद्धालु भगवान की आराधना, साधना करेंगे साथ ही देवउठनी एकादशी तक अनेक तीज त्योहार मनाएंगे।
29 जूनतक ही होंगे मांगलिक कार्यक्रम
देवशयनी एकादशी के साथ ही आने वाले पांच माह तक विवाह, गृहप्रवेश सहित बड़े मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। देवशयन के कारण मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इसके बाद देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो पाएगी। अभी विवाह मुहूर्त 29 जून तक जारी रहेंगे।
साधु-संत करेंगे साधना
देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास माना जाता है। इस दौरान साधु, संत, सन्यासी भी एक ही स्थान पर रहकर साधना में रत रहेंगे। परम्परा अनुसार देवशयनी एकादशी पर सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार माह तक क्षीर सागर में विश्राम करते हैं, इस दौरान सृष्टि की बागडौर भगवान भोलेनाथ संभालते हैं।
● 03 जुलाई गुरु पूर्णिमा
● 04 जुलाई सावन माह की शुरुआत
● 18 जुलाई अधिकमास प्रारंभ
● 21 अगस्त नागपंचमी
● 30 अगस्त रक्षाबंधन
● 07 सितम्बर कृष्ण जन्माष्टमी
● 18 सितम्बर हरतालिका तीज
● 19 सितम्बर गणेश उत्सव प्रारंभ
● 15 अक्टूबर शारदीय नवरात्र
● 24 अक्टूबर विजयादशमी
● 28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा
● 01 नवम्बर करवा चौथ
● 12 नवम्बर दिवाली
● 23 नवम्बर देवउठनी एकादशी
16 अगस्त तक पुरुषोत्तम मास
देवशयनी एकादशी का पर्व 29 जून को मनाया जाएगा। इसी के साथ भगवान विष्णु का विश्राम शुरू हो जाएगा। इसी बीच 18 जुलाई से 16 अगस्त तक पुरुषोत्तम मास भी रहेगा और सावन माह का विराम 31 अगस्त को होगा। भगवान का विश्राम 23 नवम्बर देवउठनी एकादशी के साथ समाप्त होगा। इस तरह लगभग पांच माह तक भगवान विश्राम करेंगे।
Published on:
25 Jun 2023 01:59 pm
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