
Astrology: Surya ki mahadasha 6 saal tak karti hai in logon ko pareshan, Upay: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सौर मंडल में नौ ग्रह हैं। जिनकी दशा और दिशा दोनों का पृथ्वी और उस पर जीवन जीने वाले हर प्राणी पर प्रभाव पड़ता है। किसी के लिए यह शुभ तो किसी के लिए अशुभ हो सकता है। किसी भी ग्रह का शुभ या अशुभ प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि संबंधित व्यक्ति की जन्म कुुंडली में किसी ग्रह की स्थिति कैसी है? इसका सीधा सा अर्थ है कि यदि जन्मकुंडली में ग्रह की स्थिति शुभ है, तो ग्रह के राशि परिवर्तन करने, चाल बदलने, उसके अस्त होने या उदय होने पर व्यक्ति को शुभ परिणाम ही मिलते हैं। ऐसे में यदि हम सूर्य ग्रह की महादशा की बात करें, तो इसका अर्थ है कि यदि जन्मकुंडली में सूर्य उच्च का या मजबूत हो तो व्यक्ति को सूर्य की महादशा का शुभ परिणाम मिलेगा। इसके विपरीत यदि सूर्य नीच का या कमजोर हो तो व्यक्ति को अशुभ प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। पत्रिका.कॉम के इस लेख में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर अभिमन्यु डब्बावाला आपको बता रहे हैं कुंडली में सूर्य की महादशा कब तक रहती है और किस तरह यह लोगों को प्रभावित करती है?
आपको बता दें कि सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया ह। सूर्य देव की महादशा का समय 6 साल रहता है। सूर्य देव को सेवा क्षेत्र में उच्च व प्रशासनिक पद तथा समाज में मान-सम्मान के कारक माने जाते हैं। यह लीडर (नेतृत्व करने वाला) का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। साथ ही सूर्य देव सिंह राशि के स्वामी हैं और यह मेष राशि में उच्च के माने जाते हैं। जबकि यह तुला राशि में यह नीच के होते हैं।
यहां जानें सूर्य की महादशा का प्रभाव
कुंडली में सूर्य देव हों उच्च के या मजबूत स्थिति में हों
सूर्य देव यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुभ स्थिति में हों या कहें कि उच्च या मजबूत स्थिति में हों, तो व्यक्ति को मनवांछित फल मिलते हैं। ऐसे व्यक्ति का आत्म विश्वास अच्छा होता है। ज्योतिष में सूर्य ग्रह अपनी मित्र राशियों में उच्च होता है, इसके प्रभाव से लोगों को श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त होते हैं। इस दौरान व्यक्ति के बिगड़े कार्य बनने लगते हैं। साथ ही व्यक्ति के पिता के साथ संबंध अच्छे रहते हैं और वह प्रशासनिक पद को प्राप्त करता है। ऐसे लोगों के सरकारी काम आसानी से बन जाते हैं।
यदि कुंडली में अशुभ या कमजोर स्थिति में हों सूर्य देव
सूर्य देव यदि किसी व्यक्तिकी कुंडली में अशुभ स्थित या कहें कि नीच या कमजोर स्थिति में हों तो, व्यक्ति अंहकारी और क्रोधी होता है। साथ ही व्यक्ति के पिता के साथ संबंध खराब हो जाते हैं। यदि जन्म कुंडली में सूर्य किसी ग्रह से पीडि़त हो तो यह हृदय और आंख से जुड़े रोग देता है।
सूर्य की महादशा में करें ये उपाय, जिनकी कुंडली में कमजोर है सूर्य की स्थिति
- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रविवार को तांबा और गेहूं का दान करना चाहिए।
- प्रतिदिन आदित्य ह्रदय स्रोत का पाठ करना चाहिए।
- रोज सूर्य देव के बीज मंत्र ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: का जाप करना चाहिए।
- रविवार के दिन सूर्य के ढलने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे चार मुंह वाला दीपक जलाना चाहिए।
Updated on:
27 Mar 2023 05:52 pm
Published on:
27 Mar 2023 05:48 pm
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