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कोरोना की तीसरी लहर को लेकर ये बोले ज्योतिष? बता ही दिया पीक से लेकर अंत तक का समय

जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

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3rd wave of corona in astrology

3rd wave of corona in Jyotish

कोरोना की तीसरी लहर देश में ओमिक्रॉन के रूप में सामने आई है। ऐसे में जहां ये तेजी से फैलने वाला वायरस अन्य कोरोना से कुछ हद तक अलग दिख रहा है, वहीं इसके द्वारा अब तक काफी कम लोगों की ही जान ली गई है। जबकि इसका फैलाव पूर्व में आए कोरोना के सभी वेरियंट में सबसे तेज देखने को मिला है।

ऐसे में लोग एक बार फिर कोरोना की इस तीसरी लहर को लेकर दहशत में हैं। इसे देखते हुए देश के अनेक ज्योतिष के जानकार इस तीसरी लहर की स्थिति को ग्रहों की दशा दिशा से जोड़ते हुए इसका प्रभाव, पीक व अंत के संबंध में समझने की कोशिश कर रहे हैं।

ऐसे में कई ज्योतिष के जानकारों ने इस तीसरी लहर के संबंध में कुछ अलग तरह की भविष्यवाणियां भी करनी शुरु कर दी हैं। एक ओर जहां ज्योतिष के जानकार पंडित एसडी पांडे का कहना है कि दुनिया के अनेक स्थानों पर फरवरी में इस नई लहर जो ओमिक्रॉन रूपी वेरियेंट के रूप में सामने आ रही है ये फरवरी 2022 में अपने पीक पर होगी।

जिसके बाद फरवरी 2022 के अंत तक ये धीरे धीरे समाप्ति की ओर बढ़ेगी, वहीं ज्योतिष के जानकार एस के उपाध्याय का मानना है कि ओमिक्रॉन की इस लहर का पीक भारत व भारतीय उपमहाद्विप में ग्रहों की दशा व दिशा के अनुसार जल्द आता दिख रहा है। ऐसेे में मुमकिन है कि देश में जनवरी मध्य या अंत तक इसका पीक आ सकता है। जिसके बाद इसका अंत शुरु हो जाएगा।

वहीं ग्रहों की दशा व दिशा के आधार पर अध्ययन के पश्चात पंडित एके शुक्ला का कहना है कि पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन का पीक जनवरी 2022 के अंत से शुरु होकर मार्च 2022 की शुरुआत तक रहता दिख रहा है। यह (पीक के समय का) अंतर स्थान के आधार पर होगा, ऐसे में जहां कुछ स्थानों पर इसका पीक जल्द आ जाएगा तो वहीं कुछ जगहों पर इसका पीक फरवरी अंत से लेकर मार्च 2022 की शुरुआत तक आएगा।

पंडित शुक्ला के अनुसार भले ही कुछ जगहों पर इसका जल्द पीक आने से ये जल्द ही वहीं खत्म होता दिखें लेकिन ये समझ लेना आवश्यक है कि इस ओमिक्रॉन का खौफ मार्च 2022 के अंत तक बना ही रहेगा।

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पंडित शुक्ला के अनुसार दुनिया के कुछ स्थानों पर कोरोना से जुड़ी बातों का पालन नहीं होने के चलते ओमिक्रॉन की वापसी की भी संभावना बनी हुई है, जिसके कारण मुमकिन है कि ये पुन: देश दुनिया के कुछ स्थानों पर रिपीट करें। वहीं इसे तेजी से फैलने का एक मुख्य कारण ये भी है कि इस समय पूरे ब्रह्माण में कालसर्प योग बना हुआ है, और मुख्यत: केतु ही है जो ऐसे रोगों में तेजी से विस्तार देता है।

ऐसे बचें ओमिक्रॉन व कोरोना से
ज्योतिष के जानकार जहां एक ओर कोरोना को लेकर भक्ति से जुड़ी कुछ खास बातों के लिए कह रहे हैं, जिसके अनुसार सूर्य पूजा के साथ ही राम का नाम जपने व रामरक्षास्त्रोत का पाठ करने की बात कही गई है। वहीं ज्योतिष के जानकारों का ये भी मानना है कि इस समय मास्क का उपयोग, लगातार साबुन से हाथ व चेहरा धोने व लोगों से दूरी बनाने और केवल जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकलने की बात भी कही जा रही है।