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Bihar Election 2020: भाजपा की चुप्पी में दबा रहस्य, सहयोगी JDU-LJP में इस बात को लेकर बढ़ रही तकरार

Bihar Election 2020: बिहार विधानसभा चुनाव का मुद्दा भी इन दिनों सुर्खियों में है, विपक्ष चाहता है कि चुनाव ना हो और चुनाव आयोग तैयारियों में जुट गया है (Bihar News) (LJP) (JDU) (Nitish Kumar) (Chirag Paswan) (Bihar BJP) (Aurangabad News) (Bihar Election) (Patna News)…
 

औरंगाबादAug 13, 2020 / 06:02 pm

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Bihar Election 2020: भाजपा की चुप्पी में दबा रहस्य, JDU-LJP में इस बात को लेकर बढ़ रही तकरार

Bihar Election 2020: भाजपा की चुप्पी में दबा रहस्य, JDU-LJP में इस बात को लेकर बढ़ रही तकरार

प्रियरंजन भारती
पटना,औरंगाबाद: बिहार में सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। इसके दो घटक दल जदयू और लोक जनशक्ति पार्टी के बीच बयानों के तीर लगातार चल रहे हैं। लोजपा नेता व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान तो खुद व लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार को भी बीते जमाने का नेता बता चिराग पासवान को भविष्‍य बता रहे हैं। यह कहने से नहीं चूकते कि चिराग में मुख्‍यमंत्री बनने की योग्‍यता है। इन सब बातों के बीच भारतीय जनता पार्टी चुप है। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इस कल‍ह का कारण क्या है।

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सीटों का बंटवारा सबसे बड़ी वजह

बिहार में विधानसभा के चुनाव साल के अंत तक होने हैं। लोजपा कोराेना काल में फिलहाल चुनाव के पक्ष में नहीं है। चिराग एनडीए में न्‍यूनतम साझा कार्यक्रम के भी पक्ष में हैं। वे ‘बिहार फर्स्‍ट बिहारी फर्स्‍ट’ के नारे के साथ बिहार एनडीए में नीतीश कुमार की छाया से अलग अपनी अलग पहचान बनाने में भी जुटे हैं। सबसे बड़ी बात, जो जेडीयू से उनके तनाव की सबसे बड़ी वजह है विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा। अन्‍य सारी वजहें इसी के ईर्द-गिर्द घूमती दिख रहीं हैं।

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अधिक सीटों पर लड़ना चाहती एलजेपी

सूत्र बताते हैं कि एलजेपी सीटों का जल्‍द बंटवारा चाहती है, क्योंकि चुनाव आयोग के मूड को देखते हुए चुनाव के तय समय पर होने की संभावना अधिक है। एलजेपी इस बार अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। चिराग के अनुसार बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने उन्हें विधानसभा चुनाव में 42 सीटें देने का भरोसा दिया है। दूसरी ओर जेडीयू के राष्‍ट्रीय महासचिव केसी त्‍यागी कहते हैं कि उनका गठबंधन बीजेपी के साथ है, एलजेपी के साथ नहीं। 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 142 तो बीजेपी ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था। सूत्रों की मानें तो इस बार जेडीयू 123 से 130 सीटें चाह रहा है, वह शेष सीटें बीजेपी को देना चाहता है। बीजेपी चाहे तो अपनी सीटों में से एलजेपी को दे। चिराग पासवान इस बात से नाराज होकर नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हो गए हैं। एक बार वे सभी 243 सीटों पर लड़ने की तैयारी की बात भी कह चुके हैं।

अभी चुनाव नहीं चाहते राम विलास पासवान

एलजेपी कोरोना व बाढ़ के दौरान चुनाव नहीं चाहती। रामविलास पासवान कहते हैं कि बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही बाढ़ के कारण लोगाें का पलायन हो रहा है। जीवन पर खतरे को देखते हुए चुनाव को कुछ दिनों के लिए टाल देना चाहिए। निष्पक्ष चुनाव व हर व्यक्ति के वोट देने के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए चुनाव को टालना जरूरी है। चुनाव नहीं होने पर राष्‍ट्रपति शासन की संभावना को देखते हुए एलजेपी कहती है कि भले ही राष्‍ट्रपति शासन लगाना पड़े, लेकिन फिलहाल चुनाव टालना उचित है। दूसरी ओर जेडीयू ऐसा नहीं चाहता।

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दोनों तरफ से लगातार हो रह हमले

ऐसे में दोनों तरफ से हमले हो रहे हैं। चिराग व रामविलास पासवान बिहार में कानून-व्‍यवस्‍था व सुशासन के मुद्दों पर नीतीश कुमार को घेर रहे हैं। एलजेपी ने जब कारोना की जांच बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात का हवाला देते हुए नीतीश कुमार को घेरा तो फिर वार-पलटवार शुरू हो गया। इस बार तो जेडीयू का मार्चा पार्टी में नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले ललन सिंह ने संभाला। इसके पहले चिराग ने हर उस मुद्दे को उठाया है, जिससे नीतीश कुमार की छवि को आघात पहुंचे। यह सिलसिला उनकी बिहार यात्रा के दौर से ही शुरू है।

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नीतीश के नेतृत्‍व में विधानसभा चुनाव

केसी त्यागी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा कई बार स्‍पष्‍ट कर चुके हैं कि बिहार में एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा। ऐसे में एलजेपी का सवाल खड़े करना विपक्ष को मुद्दा देगा। एनडीए को कमजोर करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है। विराग के एनडीए में न्‍यनतम साझा कार्यक्रम की मांग पर केसी त्यागी ने पूछा कि एलजेपी इसके लिए केंद्र सरकार से मांग क्यों नहीं करती?

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भाजपा इसमें पूरी तरह चुप

सबसे दीगर बात यह है कि भाजपा इस तू-तू-मैं-मैं के बीच पूरी तरह चुप्पी साधे हुई है। कोई भी भाजपा नेता इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा है। पूछे जाने पर भी भाजपाई कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। दिखने यह लगा है मानो भाजपा और जदयू में कोई बड़ी समझदारी बनी हुई हो। कई जानकारों की मानें तो भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर ही लोक जन शक्ति पार्टी नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर बनी हुई है।

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विकल्प बनना चाहते चिराग

सवाल यह है कि चिराग आखिर चाहते क्‍या हैं? चिराग बिहार की राजनीति में विकल्प बनना चाहते हैं, यह बात तो उनके पिता राम विलास पासवान की बातों से ही स्‍पष्‍ट है। रामविलास पासवान कह चुके हैं कि भविष्‍य युवाओं का है और वे, लालू व नीतीश अब अतीत होते जा रहे हैं। रामविलास पासवान अब चिराग को मुख्‍यमंत्री बनने योगयता वाला बता कर इसकी संभावना भी टटोल रहे हैं। चिराग को फिलहाल इसकी जल्‍दी नहीं। वे नीतीश कुमार के बाद की संभावनाओं की सियासत की राह पर हैं। लेकिन इसके लिए विधानसभा चुनाव में ताकतवर बनकर उभरना जरूरी है। इसलिए एलजेपी अधिक से अधिक सीटों के लिए दबाव की राजनीति कर रही है।

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