
Babari Masjid Ram Mandir Case : मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के खिलाफ हुए बाबरी के पक्षकार बोले राजनीती न करें लोग
अयोध्या : बाबरी मस्जिद विवाद ( babari masjid ) को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court On babari Masjid Case ) में चल रही सुनवाई पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ( All India Muslim Personal Law Board ) को बाबरी मस्जिद राम मन्दिर ( Ram Mandir ) मुकदमे के पक्षकारों का समर्थन नहीं मिला है | अयोध्या ( Ayodhya ) में बाबरी मस्जिद ( Babari Masjid ) मामले के मुख्य मुद्दई इकबाल अंसारी ( Babari Petitione Iqbal Ansari ) ने मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी ( Maulana Wali Rahmani ) के उस बयान की खिलाफत की है जिसमें उन्होंने कहा है कि बाबरी मस्जिद के बदले में कोई चीज नहीं ली जाएगी | मध्यस्था कमेटी की बातचीत में वह सिर्फ इसलिए शामिल हुए क्योंकि इसे सुप्रीम कोर्ट ने बनाया था | लेकिन वह किसी भी तरह के समझौते के पक्ष में नहीं है और पूरी तरह से मुकदमा लड़ने के लिए तैयार हैं | बताते चलें मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी ने पश्चिम एशिया के एक अखबार गल्फ न्यूज़ ( gulf news ) को दिए गए इंटरव्यू में यह बात कही थी |
मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी ने कहा था नहीं मानेंगे कोई समझौते लड़ेंगे कोर्ट की लड़ाई
मौलाना वली रहमानी द्वारा दिए गए इस बयान पर अयोध्या में बाबरी मस्जिद ( Babari Masjid Case In ayodhya ) मामले की मुद्दई इकबाल अंसारी ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है | उन्होंने कहा है कि मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि कि मेरे वालिद भी शुरू से इस पक्ष में रहे कि अगर इस मामले का आपसी समझौते से हल निकल जाए तो देश के लिए अच्छा होगा | आपसी भाईचारा बढेगा और हम भी इसी के पक्ष में है | इस विवाद के हल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ही पैनल का गठन किया है और बतौर पक्षकार हम इस पैनल का पूरा सम्मान करते हैं | अगर पैनल के जरिए आपसी बातचीत से मामला हल हो जाता है तो इससे अच्छी बात और कोई नहीं हो सकती | इस मामले को लेकर हम किसी तरह की कोई लेन-देन की बात नहीं कह रहे देश में जो संविधान कानून बना है वह इस मामले का फैसला करें और उसे हम सभी को मानना चाहिए | रही बात मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी ( Muslim Personal Law Board's General Secretary ) की तो वो इस मुकदमे में कोई पक्षकार नहीं है और उनकी तरह न जाने कितने लोग हैं जो अपनी राजनीति चमकाने के लिए बेवजह अनर्गल बयान दिया करते हैं | उनके इस बयान का कोई मतलब नहीं है सभी ( Ram Mandir Case ) पक्षकार चाहते हैं कि जल्दी मुकदमे का फैसला हो और अगर यह बात आपसी समझौते से हल हो जाए तो ज्यादा बेहतर होगा |
हिन्दू पक्षकार महंत धर्म दास ने कहा ऐसे लोगों को गंभीरता से लेने की ज़रुरत नही इनका कोई अस्तित्व नहीं
इस मुकदमे के हिन्दू पक्षकार निर्वाणी अनी अखाड़ा ( Nirwani Ani Akhada )के श्री महंत धर्मदास ( Mahant Dharm Das ) ने भी मौलाना वली रहमानी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस मुकदमे में कोई पक्षकार है ही नहीं तो उनके बयान का कोई अस्तित्व नहीं है| ऐसे लोग देश और समाज को खंडित करने की बात करते चले आए हैं | सुप्रीम कोर्ट ने आपसी समझौते से मामला हल करने की सलाह दी है और दोनों ही पक्ष इस पर काम भी कर रहे हैं | उम्मीद है कि जल्द ही इस विवाद का निस्तारण हो जाएगा ,बाकी किसी को भी इस तरह के बयान और ऐसे लोगों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है |
Published on:
17 Jul 2019 03:50 pm
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