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आजमगढ़

तमसा की बाढ़ से तबाही, सालों बाद आदि गंगा के रौद्ररूप से मुर्दों पर भी खड़ा हो गया संकट

राजघाट शमशान स्थल हुआ जलमग्न, सड़क पर अंतिम संस्कार नहीं करने दे रहे स्थानीय लोग।

आजमगढ़Oct 04, 2019 / 03:08 pm

रफतउद्दीन फरीद

Tamsa River

तमसा नदी

आजमगढ़. जिस नदी के तट पर कभी भगवान राम ने वन गमन के समय विश्राम कर शिवलिंग की स्थापना की थी उस आदिगंगा का रौद्र रूप उनके ही भक्तों पर भारी पड़ने लगा है। 14 साल बाद उफान पर आई आदि गंगा के नाम से जाने जानी वाली तमसा ने लगभग 40 हजार आबादी को अपने चपेट में ले लिया है तो मुर्दो पर भी संकट खड़ा हो गया है। तमसा तट के राजघाट पर स्थित शमशान बाढ़ में डूबा है और स्थानीय लोगों ने सड़क किनारे अंतिम संस्कार करने से रोक दिया है। हालत है कि पिछले कई दिनों से शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है लोग शव लेकर दूसरे शमशान घाटों पर जाने के लिए मजबूर है। डीएम ने लोगों से धैर्य रखने तथा विरोध करने वाले लोगों से वार्ता कर अंमित संस्कार शुरू करने का आश्वासन दिया है।
बता दें कि आजमगढ़ शहर तीन तरफ से तमसा नदी से घिरा हुआ है। शहर में करीर दो लाख लोग निवास करते हैं। तमसा के राजघाट व सिधारी घाट पर वर्षो से शव का अंतिम संस्कार होता है। राजघाट पर बाकायदा शमशान बनवाया गया है। औसतन यहां प्रतिदिन 10 से 12 शवों का अंतिम संस्कार होता है। शहर के अलावा आसपास के सैकड़ों गांवों के लोग यहां अंतिम संस्कार के लिए पहुंचते है। शमशान घाट बिल्कुल नदी के तट से सटा है। वर्ष 2005 के बाद जिले में कभी बाढ़ नहीं आयी और ना ही तसमा का पानी पेट से बाहर आया था। जिसके कारण कभी अंतिम संस्कार में कोई व्यवधान नहीं पड़ा।

इस साल तमसा दूसरी बाद उफान पर है। जुलाई के बाद सितंबर के अंतिम संस्कार में हुई लगातार बारिश के बाद तमसा उफान पर है। नदी का पानी बाइपास बंधे तक भरा हुआ है। चालीस हजार से अधिक आबादी जलजमाव की समस्या से जूझ रही है। राजघाट पूरी तरह जलमग्न है। परिणाम है कि लोग शव के अंतिम संस्कार का प्रयास सड़क किनारे कर रहे है जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे है। परिणाम है कि शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। इस मामले में जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद का कहना है कि जब भी प्राकृतिक आपदा आती है तो स्थानीय स्तर पर दिक्कते होती है। लोग धैर्य रखे। अंतिम संस्कार संबंधी जो समस्या सामने आयी है उसके निदान के लिए विरोध कर रहे लोगों से वार्ता कर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
By Ran Vijay Singh

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